प्रादेशिक
आयुष्मान भारत योजना के तहत 26 जुलाई से फिर बनेंगे गोल्डन कार्ड
लखनऊ। प्रदेश के करोड़ों गरीब परिवारों के लिए राहत भरी खबर है। प्रदेश सरकार 26 जुलाई से आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने के लिए विशेष अभियान चलाने जा रही है। कोरोना काल के दौरान इलाज में गोल्डन कार्ड ने लोगों को काफी राहत दी थी। आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों में गोल्डन कार्ड धारकों को 5 लाख रूपए तक नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी जाती है।
कोरोना काल के दौरान प्रधानमंत्री जन अरोग्य आयुष्मान योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए संबल बनी थी। आयुष्मान योजना के तहत बने गोल्डन कार्ड के जरिए लाखों लोगों को पांच लाख रूपए तक नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी गई है। गोल्डन कार्ड के जरिए लोग सरकारी व सरकार की ओर से अधिकृत निजी अस्पताल में अपना नि:शुल्क इलाज करा सकते हैं। इससे पहले 30 अप्रैल तक गोल्डन कार्ड बनाए गए थे। प्रदेश सरकार अब फिर से विशेष अभियान चलाकर गोल्डन कार्ड बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर 26 जुलाई से प्रदेश भर में आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनने के लिए जन सुविधा केन्द्र या फिर नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर लोग कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
यूपी में बने 1.15 करोड़ गोल्डन कार्ड
केन्द्र सरकार की आयुषमान योजना के तहत प्रदेश में 1 करोड़ 18 लाख गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए का चिकित्सा बीमा कवर की सुविधा दी जा चुकी है। इसके अलावा आयुष्मान योजना से 6 करोड़ 47 लाख लोगों को लाभांवित किया जा चुका है। यूपी में अब तक 1.15 करोड़ गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना में 42.19 लाख पात्रों को लाभांवित किया जा चुका है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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