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उत्तर प्रदेश

जेल में पत्नी संग घर की तरह रहता था अब्बास अंसारी, कमरे में लगा देते थे ताला

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Abbas Ansari with his wife

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चित्रकूट/लखनऊ। माफिया मुख्तार अंसारी का बेटा व चित्रकूट जिला जेल रगौली में बंद विधायक अब्बास अंसारी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। अब्बास जेल में पिछले कई दिन से पत्नी के साथ घर की तरह रह रहा था। शुक्रवार की शाम को जब जिला प्रशासन को इसकी भनक लगी तो डीएम एसपी ने संयुक्त रूप से छापा मारा।

इस जेल को प्रदेश सरकार सबसे सुरक्षित मानकर बाहुबली और माफियाओं को यहां भेजती है, लेकिन इस प्रकरण ने यहां की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। प्रशासन का दावा है कि विधायक बैरक में नहीं था। जिस अधिकारी के कमरे में उसकी पत्नी मिली, उसमें भी वह नहीं मिला।

बताया जाता है कि छापे की भनक लगते ही कुछ देर पहले ही वह कमरे से सिपाही की मदद से बाहर आ गया था। जिस कमरे में विधायक की पत्नी थी, उसमें बाहर से ताला लगा था। सूत्रों की मानें तो यह कई दिनों से चल रहा था। शासन ने सुरक्षा की दृष्टि से अब्बास अंसारी को उसके गृह जनपद मऊ से लगभग 400 किलोमीटर दूर रगौली जेल में रखा है, जिससे जेल में उससे ज्यादा लोग न मिल सकें।

इसके बाद भी आए दिन उनसे मिलने कोई न कोई आता था। इनकी रिकार्ड में लिखित रूप से मिलाई होती थी। निखत बानो जेल के अंदर आकर रिश्तेदारों से विधायक की मोबाइल फोन से बात भी कराती थी।

आरोप है कि यहीं से कई लोगों से रंगदारी वसूली की धमकी भी दिलाई जाती थी। विधायक की पत्नी जेल से पति को भगाने की भी साजिश रच रही थीं। वह एक हफ्ते से जेल में रोज मिलने जाती थी, लेकिन आगंतुक रजिस्टर में उसका नाम दर्ज नहीं है। हैरत की बात यह है कि आए दिन निरीक्षण करने वाले अफसरों को भी इसकी भनक नहीं लगी।

शुक्रवार को जब पोल खुली तो प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए और जेल के अंदर जाकर मामले का खुलासा किया। जेल के रजिस्टर व अन्य सामग्री को डीआईजी (जेल) शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने कब्जे में लिया है।

किराए के मकान में डाला है डेरा

जेल में बंद विधायक की पत्नी निखत बानो व अन्य रिश्तेदारों ने कर्वी में किराए के मकान में एक माह से डेरा डाल रखा था। मकान को आठ हजार रुपये महीने पर लिया था। मकान मालिक ने बताया कि उसे यह नहीं मालूम था कि ये विधायक अब्बास अंसारी के परिजन हैं। उसे बताया गया था कि उनके रिश्तेदार जेल में बंद हैं और उनसे मिलने के लिए किसी न किसी को अक्सर आना पड़ता है। इसलिए मकान किराये पर लिया है।

डीएम अभिषेक आनंद व एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि जिस मकान पर यह सब किराए पर रहते थे, उसकी पहचान कर ली गई है। उससे भी पूछताछ की जा रही है। जिले में अन्य लोगों की भी पहचान की जा रही है जो इनकी मदद करते थे। कुछ लोगों की पहचान भी हो गई है। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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