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प्रादेशिक

अभिनव अरोड़ा की मां का दावा- बेटे को लॉरेंस गैंग ने दी जान से मारने की धमकी

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नई दिल्ली| बाल संत के नाम से मशहूर अभिनव अरोड़ा को जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा मंच से उतारने का विवाद तूल पकड़े हुआ है। इस बीच अब अभिनव अरोड़ा के परिवार का दावा है कि उन्हें लॉरेंस बिश्नोई गैंग की ओर से जान से मारने की धमकी भी मिल रही है। अभिनव अरोड़ा की मां का दावा है कि उन्हें लॉरेंस बिश्नोई गैंग की ओर से मारने की धमकियां दी जा रही है। उन्होंने कहा है कि अभिनव ने ऐसा कुछ गलत नहीं किया, जिसके लिए उन्हें धमकी मिले।

अभिनव अरोड़ा की मां ज्योति अरोड़ा ने कहा कि अभिनव ने भक्ति के अलावा ऐसा कुछ नहीं किया है जो उसे इतना कुछ सहना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया के जरिए हमारी बात को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। अभिनव ने ऐसा कुछ नहीं किया है, जिसकी वजह से हमें धमकियां मिल रही हों, अभिनव ने भक्ति के अलावा ऐसा कुछ नहीं किया है, जिसके लिए उन्हें इतना कुछ सहना पड़े।” आगे उन्होंने कहा “हमें आज लॉरेंस बिश्नोई गैंग से एक कॉल आई, जिसमें हमें धमकी दी गई थी कि अभिनव को मार दिया जाएगा। कल रात को भी एक कॉल आई थी, जिसे हमने मिस कर दिया था। हमें आज भी उसी नंबर से एक मैसेज मिला कि वह अभिनव को मार देंगे।”

7 यूट्यूबर्स के खिलाफ कोर्ट पहुंचे अभिनव अरोड़ा

इससे पहले लगातार हो रही ट्रोलिंग से परेशान अभिनव अरोड़ा और उनके परिवारवाले सोमवार (28 अक्टूबर) को मथुरा कोर्ट पहुंच गए। उन्होंने 7 यूट्यूबर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह ऐसा करना नहीं चाहते थे, लेकिन मजबूरन उन्हें कोर्ट का रूख करना पड़ा।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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