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प्रादेशिक

नीतीश से मिले Aditya Thackeray, बोले- हमारे सामने संविधान बचाने की चुनौती

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Aditya Thackeray met Nitish

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पटना। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) आज बिहार के दौरे पर हैं। बिहार में उन्होंने सबसे पहले राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की। इसके बाद वह सीधे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिलने पहुंचे।

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नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि हमारे समक्ष अभी लोकतंत्र और संविधान को बचाने की चुनौती है। उन्होंने दावा किया कि इसे बचाने के लिए जो कुछ भी करना पड़ेगा, वह हम करेंगे।

आदित्य ठाकरे ने इस बात से इनकार किया कि आज के मुलाकात में कोई राजनीतिक चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि आज अलग-अलग विषयों पर चर्चा हुई है। आगे हम एक साथ काम करने के लिए तैयार हैं। यह दोस्ती यूं ही जारी रहेगी।

शिवसेना नेता ने यह भी कहा कि हम एक-दूसरे के संपर्क में रहे हैं लेकिन कोविड के कारण मिल नहीं पाए। हमने विभिन्न विषयों पर चर्चा की लेकिन राजनीति पर चर्चा नहीं की। यकीन है कि यह दोस्ती जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि देश में जो भी युवा महंगाई, रोजगार और संविधान के लिए काम करना चाहता हैं अगर वे आपस में बातचीत करते रहें तो देश में कुछ अच्छा कर सकेंगे। आदित्य ठाकरे के साथ राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी भी मौजूद रही।

भाजपा ने आदित्य ठाकरे के दौरे को लेकर अब बिहार सरकार और तेजस्वी यादव पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। भाजपा ने इस दौरान ही सुशांत सिंह राजपूत के मौत का मामला भी उठाया है।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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