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कलीम की गिरफ्तारी के बाद ISI के षडयंत्र का खुलासा, इस तरह रचते है साजिश
नई दिल्ली/लखनऊ। उप्र के शामली से पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI एजेंट कलीम की गिरफ्तारी के बाद ISI से जुड़े एजेंटों और आतंकी संगठनों के बारे में नित नए-नए खुलासे हो रहे हैं। खुफिया एजेंसियों की जांच में पता चला है कि आईएसआई एजेंट कलीम और पाकिस्तान के आतंकी संगठन भारत ही नहीं पड़ोसी मुस्लिम देश बांग्लादेश, अफगानिस्तान, बलूचिस्तान आदि के भोले भाले लोगों को भी अपने चंगुल में फंसाकर भारत देश के खिलाफ भड़का रहे हैं।
खुफिया एजेंसियों की अभी तक की जांच में सामने आया है कि पाकिस्तान से गिरोह को ऑपरेट कर रहे आईएसआई एजेंट और भारत में रहकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वाले एजेंट अनपढ़ होते हैं। ये कभी स्कूल नहीं गए होते या फिर जाते भी है तो कक्षा एक या फिर दो में ही बीच में ही पढ़ाई छोड़ चुके होते हैं मगर ये एजेंट पढ़े लिखे, प्रोफेशनल कोर्स कर चुके लोगों को भी मात देते हैं।
सोशल मीडिया से लेकर आई फोन चलाने में पूरी तरह से एक्सपर्ट होते हैं। मात्र दो दिन में लोगों का ब्रेन वॉश कर देते हैं। जांच में पता चला है कि पाकिस्तान में बैठा कैराना का दिलशाद मिर्जा और अन्य वीडियो भेजकर भी लोगों को अपने साथ जोड़ने का काम कर रहे हैं।
जांच में सामने आया है कि दूसरे देश के लोगों को अपने साथ जोड़ने के बाद कहा जाता है कि वह भी अपने साथ भारत के लोगों को जोड़े तथा भारत को इस्लामिक राष्ट्र घोषित कराने में सहयोग करें। खुफिया एजेंसियों ने इसकी जांच पड़ताल शुरू कर दी है। वेस्ट यूपी के मेरठ, बागपत, शामली, सहारनपुर, बिजनौर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, दिल्ली के भी कुछ लोगों के आईएसआई से जुड़े होने की संभावना है। जिसको लेकर एसटीएफ और पुलिस लगातार छापा मार रही है।
आईबी और एसटीएफ ने शामली में डेरा डाला
मामले में फरार चल रहे आरोपियों की गिरफ्तारी को आईबी और एसटीएफ ने शामली में डेरा डाल दिया है। दो टीमें विभिन्न स्थानों पर छापामारी कर रही है। एसपी अभिषेक ने बताया कि मामले की जांच सीओ सिटी को सौंप दी गई है। जल्द ही फरार आरोपी भी गिरफ्त में होंगे।
एनआईए को ट्रांसफर हो सकता है मामला
एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार, पकड़ा गया कलीम फिलहाल मुजफ्फरनगर की जेल में बंद है। मामले की जांच सीओ स्तर के अधिकारी करेंगे। मामला जल्द ही एनआईए को भी ट्रांसफर हो सकता है। यदि मामला एनआईए को ट्रांसफर होता है, तो आरोपी को एनआईए कोर्ट लखनऊ में भी पेश किया जाएगा। फिलहाल शामली पुलिस आरोपी को रिमांड पर लेने की तैयारी में है।
अंग्रेजी और उर्दू का है पूरा ज्ञान
जांच में पता चला है कि पाकिस्तान में बैठे ISI एजेंट अनपढ़ होने के बावजूद अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू का पूरा ज्ञान रखते हैं। बातचीत के दौरान यदि किसी को उर्दू बोलने में कोई दिक्कत है तो उसे वीडियो कॉल के माध्यम से खुद ही ट्रेंड करते हैं। यदि किसी की अंग्रेजी या हिंदी में गड़बड़ है तो उसे भी सिखाते हैं। जेहाद फैलाना ही मकसद है, इसके लिए उकसाते हैं।
तहसीम की तलाश में कलीम के यहां दबिश
ISI एजेंट कलीम के भाई तहसीम की तलाश में देर रात सीओ श्रेष्ठा ठाकुर और कोतवाली पुलिस ने नौकुआं मोहल्ले में दबिश दी। मगर आरोपी हाथ नहीं लग सका। पुलिस ने जल्द आरोपी को पेश करने की चेतावनी भी परिजनों को दी है।
पुलिस ने बताया कि शामली के कई स्थानों पर आरोपी की तलाश में दबिश दी गई। जल्द आरोपी को पकड़ने का दावा किया है। उधर, दबिश से लोगों में भी हड़कंप मचा रहा। इसके अलावा लखनऊ की आईबी की टीम भी जांच के लिए पहुंची। आईबी की टीम ने भी शहर में डेरा डाल दिया है।
वहीं सूत्रों के अनुसार, जांच में पता चला है कि तहसीम अधिकतर रात में ही पाकिस्तान में बैठे दिलशाद मिर्जा से बात करता था, ताकि कोई उस पर शक नहीं कर सके। वह मोबाइल में सिम बदलकर एक फर्जी आईडी पर लिए गए सिम से बात किया करता था, ताकि पकड़ में न आ सके। पुलिस सूत्रों की मानें तो पूरे खेल का स्थानीय स्तर पर मास्टर माइंड तहसीम ही है।
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दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।
दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?
इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।
एलजी के आदेश पर कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।
इस तरीके से चल रहे अभियान
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।
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