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छठ पर्व समाप्त होने के बाद ट्रेनों में भीड़, बाथरूम में बैठकर यात्रा को मजबूर लोग

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बिहार। छठ पर्व समाप्त होने के बाद दूसरे प्रदेशों से अपने घर लौटे लोग पुन: वापस लौटने लगे. इस कारण पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ बढ़ गयी है. रेलवे स्टेशनों पर सुबह से शाम तक यात्रियों की भीड़ लगी हुई रहती हैं. दिल्ली, मुंबई, गया, हावड़ा, आसनसोल, सियालदह की ओर जाने वाली प्रत्येक ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ बढ़ गयी है. इस कारण स्टेशनों पर अफरा-तफरी का माहौल देखा जा रहा है। पर्व मनाने के बाद अब काम पर लौटने के लिए मारामारी हो रही है। पर्व के बाद दिल्ली, मुंबई, हरियाणा, अहमदाबाद, बेंगलुरु सहित अन्य शहरों में लौटने वाले यात्रियों से स्टेशन भरा हुआ है। वापस लौट रहे अधिकतर लोग मजदूर वर्ग से हैं। ऐसे में जनरल बोगी में ज्यादा भीड़ हो रही है।

सामान्य बोगी की हालत खराब

सबसे ज्यादा परेशानी जनरल श्रेणी में सफर करने वाले यात्रियों को हो रही है। बोगी में सीट नहीं मिलने पर कई लोग बाथरूम में चादर बिछाकर परिवार के साथ बैठ गए। कई यात्री खड़े-खड़े तो कोई लटक कर सफर कर रहा है। एक यात्री ने बताया कि वह शौचालय के दरवाजे पर बैठकर यात्रा कर रहा है और शौचालय जाम होने के कारण उसे सांस लेने में खासी परेशानी हो रही है। जनरल बोगी में यात्रा करने वालो की संख्या काफी ज्यादा थी।

ड्रोन से हो रही निगरानी

आरपीएफ ड्रोन से पूरे जंक्शन की निगरानी की। यात्रियों ने बताया कि ट्रेन मिलना मुश्किल हो रहा है। तत्काल टिकट लेने के बाद भी तीन घंटे से इंतजार कर रहे हैं। भीड़ के कारण ट्रेन में नहीं बैठ सके। कई यात्रियों ने बताया कि खड़े होकर जा रहे हैं। बैठने की जगह नहीं है। एक यात्री ने बताया कि एक घंटा ट्रेन में खड़ा रहने के बाद किसी तरह बैठने की जगह मिली। कई लोग शौचालय में बैठे हुए हैं। ट्रेन में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। आरपीएफ कमांडेंट ने बताया कि मुजफ्फरपुर से तीन स्पेशल ट्रेन चल रही हैं। दो दिल्ली और एक मुंबई के लिए चल रही है। कुछ ट्रेन लेट चल रही हैं। मुंबई जाने वाली ट्रेन 31 घंटे लेट चल रही है। उन्होंने बताया कि स्टेशन एरिया में फायर ब्रिगेड को लगाया गया है। आरपीएफ की तैनाती की गई है। ड्रोन कैमरे से हर मूवमेंट देखा जा रहा है।

 

 

 

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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