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उत्तर प्रदेश

ज्ञानवापी मामले में अखिलेश ने दाखिल की आपत्ति, सपा प्रमुख के खिलाफ सुनवाई अब 20 नवंबर को

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Akhilesh filed objection in Gyanvapi case

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वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाने में गंदगी करने और नेताओं की बयानबाजी को लेकर निचली अदालत के आदेश के खिलाफ लंबित पुनरीक्षण याचिका पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को आपत्ति दाखिल की। इसमें पुनरीक्षणकर्ता की याचिका निरस्त करने की अदालत से मांग की है। अपर जिला जज (नवम) की अदालत में लंबित इस मामले में पीठासीन अधिकारी के अवकाश पर होने के कारण याचिका पर सुनवाई टल गई। अगली सुनवाई के लिए 20 नवंबर की तिथि तय की गई है।

यह है मामला

अपने वकील अनुज यादव के जरिए दाखिल आपत्ति में अखिलेश ने कहा कि पुनरीक्षणकर्ता हरिशंकर पांडेय ने अपनी पुनरीक्षण याचिका में निचली अदालत द्वारा पारित आदेश के संबंध में कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया है। यह नहीं बताया है कि किस आधार पर उनका प्रार्थना पत्र खारिज किया गया था।

आपत्ति में यह भी कहा गया है कि पुनरीक्षणकर्ता हरिशंकर पांडेय बीते वर्ष एडवोकेट कमीशन कार्रवाई के लिए गठित टीम में न तो सदस्य थे और न ही मौके पर मौजूद थे। ऐसी स्थिति में हरिशंकर पांडेय द्वारा किस आधार पर यह आरोप लगाया गया कि धार्मिक विद्वेष फैलाकर माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा। अपने कथन के समर्थन में एडवोकेट कमीशन की कार्रवाई में शामिल सदस्यों के नामों की सूची अदालत में पेश की।

प्रकरण के अनुसार हरिशंकर पाण्डेय ने पुनरीक्षण याचिका में कहा है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाने में नमाजी गंदगी फैला रहे हैं। दावा किया कि वह स्थान हमारे आराध्य देव भगवान शिव का है। वहीं शिवलिंग की आकृति को लेकर AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कुछ नेताओं ने गलत ढंग से बयानबाजी कर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया।

ऐसे में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सांसद असदुद्दीन ओवैसी व अंजुमन इंतजामिया कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। निचली अदालत ने लम्बी सुनवाई के बाद हरिशंकर पांडेय की प्रार्थना पत्र को 14 फरवरी 2023 को खारिज कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ हरिशंकर पाण्डेय ने जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में चार मार्च 2023 को पुनरीक्षण याचिका दाखिल की जिसकी सुनवाई लंबित है।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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