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अन्तर्राष्ट्रीय

मारा गया आतंकी सरगना अल जवाहिरी, अमेरिकी ‘निंजा मिसाइल’ ने पूरा किया मिशन

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काबुल। आतंकवादी संगठन अल कायदा के सरगना अयमान अल जवाहिरी को मार गिराया गया है। अमेरिका ने काबुल में ड्रोन स्ट्राइक के जरिए इस खतरनाक मिशन को अंजाम दिया। अल-जवाहिरी की मौत की पुष्टि खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने की है। इस मिशन की सबसे खास बात यह है कि अमेरिका ने बिना किसी धमाके या किसी को नुकसान पहुंचाए बिना ही अल-जवाहिरी को मौत की नींद सुला दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया है कि इस हमले के लिए अमेरिका ने अपनी खतरनाक ‘निंजा मिसाइल’ के नाम से पहचाने जाने वाले हेलफायर आर9एक्स हथियार का इस्तेमाल किया। यह वही हथियार है, जिससे अल-कायदा के वरिष्ठ नेता अबू अल-खैर अल-मसरी को मार दिया गया था।

पहले से तैयार थी पटकथा

अमेरिका ने अल-जवाहिरी के खात्मे की पटकथा पहले ही तैयार कर ली थी। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए पिछले कई हफ्तों से काबुल में बैठे अलकायदा सरगना अल-जवाहिरी पर नजर रखे हुए थी। उसकी हर गतिविधि की रिपोर्ट का व्हाइट हाउस और पेंटागन में बैठे अधिकारी अध्ययन कर रहे थे। उन्हें सिर्फ एक मौके की तलाश थी।

दिन से ही हो चुकी थी खात्मे की तैयारी

अमेरिका ने पहले ही तय कर लिया था कि सोमवार का दिन अल-जवाहिरी के लिए आखिरी होगा। यही कारण है कि व्हाइट हाउस ने सोमवार दोपहर को घोषणा की कि जो बाइडन शाम को ‘एक सफल आतंकवाद विरोधी अभियान’ के बारे में राष्ट्र को संबोधित करेंगे, लेकिन व्हाइट हाउस ने किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया था। शाम होते-होते अमेरिकी राष्ट्रपति ने अल-जवाहिरी की मौत की पुष्टि कर ली।

अमेरिकी सैन्य कैंप के पास थी हमले की जगह

रिपोर्ट्स में सामने आया है कि अल-जवाहिरी को शिपुर इलाके में मारा गया है। यह वही इलाका है, जहां अफगानिस्तान में अमेरिका ने सैन्य कैंप बनाया था। तालिबान के सत्ता में आने के समय, करीब एक साल पहले अमेरिका ने इस कैंप को खाली कर दिया था।

जानते हैं निंजा मिसाइल के बारे में

रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-जवाहिरी की मौत की अब तक जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसमें न ही किसी विस्फोट के निशान मिले हैं और न ही किसी खून-खराबे के। इसके बावजूद सीआईए ने इस मिशन को अंजाम दिया। दरअसल, ड्रोन हमले के लिए अमेरिका ने अपनी खतरनाक हेलफायर आर9एक्स मिसाइल का इस्तेमाल किया।

यह मिसाइल अन्य मिसाइलों की तरह विस्फोट नहीं करती। बल्कि, इसके अंदर से चाकू जैसे ब्लेड्स निकलते हैं, जो टारगेट पर सटीक निशाना लगाते हैं। हेलफायर मशीन को काफी घातक और टारगेट पर सटीक निशाना बनाने के लिए ही जाना जाता है। इससे आस-पास के लोगों को कोई चोट नहीं पहुंचती है। अपने संबोधन में, जो बाइडन ने कहा भी है कि सटीक हमले में जवाहिरी के परिवार के सदस्यों के अलावा किसी अन्य नागरिक को कोई नुकसान नहीं हुआ।

अन्तर्राष्ट्रीय

यात्रियों से भरी बस को एक ट्रक ने मारी भीषण टक्कर, 38 लोगों की मौत

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दक्षिण-पूर्वी ब्राजील। दक्षिण-पूर्वी ब्राजील में यात्रियों से भरी बस को एक ट्रक ने भीषण टक्कर मार दी। यह हादसा दक्षिण-पूर्वी ब्राजील के मिनास गेरैस राज्य में एक राजमार्ग पर हुआ। यहां बस और ट्रक की टक्कर में 38 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मिनास गेरैस अग्निशमन विभाग ने बताया कि शनिवार सुबह हुए इस हादसे में घायल 13 अन्य लोगों को टियोफिलो ओटोनी शहर के पास के अस्पतालों में ले जाया गया।

बताया जा रहा है कि बस साओ पाउलो से चली थी और उसमें 45 यात्री सवार थे। अधिकारियों ने कहा कि जांच के बाद ही दुर्घटना का कारण स्पष्ट हो सकेगा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बचाव दल को बताया कि बस का टायर फटने से बस अनियंत्रित हो गई और एक ट्रक से टकरा गई। हादसे के दौरान एक कार भी उस बस से टकरा गई, कार में तीन यात्री सवार थे और तीनों की जान बच गई।

राष्ट्रपति ने जाहिर किया शोक

इस भीषण सड़क दुर्घटना में हुई मौतों को लेकर ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने शनिवार को एक बयान जारी करके कहा ,‘‘ मुझे बेहद अफसोस है और मैं दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’’ परिवहन मंत्रालय के अनुसार, इस वर्ष ब्राजील में यातायात दुर्घटनाओं में 10 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं।

 

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