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खेल-कूद

जेंडर को लेकर विवादों में रही अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खलीफ ने पेरिस ओलंपिक में जीता गोल्ड मेडल

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नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक 2024 में महिला बॉक्सिंग इवेंट काफी विवादों में रहा। ये विवाद तब खड़ा हुआ जब महिलाओं की वेल्टरवेट कैटेगिरी के प्री-क्वार्टर फाइनल में इटली की बॉक्सर एंजेला कारिनी और अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खलीफ के बीच टक्कर हुई। आरोप लगाया गया कि एक महिला बॉक्सर का मुकाबला एक पुरुष मुक्केबाज से कराया गया है। अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खलीफ पहले भी जेंडर को लेकर विवादों में रही हैं। इमान खलीफ को 2023 बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप के गोल्ड मेडल मैच से कुछ घंटे पहले जेंडर को लेकर अयोग्य घोषित करार दिया गया थाष लेकिन इस सब विवादों के बीच वह ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रही हैं।

किस बॉक्सिंग मैच को लेकर हुआ था विवाद।

पेरिस ओलंपिक्स 2024 के छठे दिन एक बड़ा बवाल हो गया जब महिला बॉक्सिंग के एक मैच में वेल्टरवेट कैटेगिरी में इटली की एंजेला कैरिनी और अल्जीरिया की इमान खेलीफ का मैच सिर्फ 46 सेकंड में ही खत्म हो गया। वहां पर बैठे दर्शक भी हैरान रह गए कि आखिर हुआ क्या।
दरअसल इमान खेलीफ ने अपने अपोजिट में खेल रही महिला खिलाड़ी को इतना तेज़ मुक्का मारा कि वो बॉक्सिंग रिंग में गिर पड़ी और रोने लगी। इसके बाद उन्होंने आगे मैच कंटीन्यू करने से इंकार कर दिया। एंजेला कैरिनी का आरोप है कि इमान खेलीफ पुरुष हैं। हालांकि अन्तरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (IOC) और पेरिस 2024 मुक्केबाजी इकाई ने उनका सपोर्ट किया और एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि पेरिस 2024 खेलों में प्रतिस्पर्धा करने वाला हर एक एथलीट उनके नियमों का पालन किया है।

क्या ओलंपिक खेलों में महिला या पुरुष होने की जांच नहीं होती

दरअसल IOC ने 1999 में महिला और पुरुष का पता लगाने वाली जांच को बंद कर दिया है। बॉक्सिंग के खेलो में जो खिलाड़ी पार्टिसिपेट करता है उसका बस एक जेंडर सर्टिफिकेट लगता है और वो जेंडर सर्टिफिकेट अल्जीरिया के खिलाड़ी के पास था। ओलंपिक में जो भी बॉक्सिंग के मैच होते वो IOC करवाता है इसलिए IBA के टेस्ट को इसमें नहीं देखा जाता है।

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खेल-कूद

भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा पर लगा धोखाधड़ी का आरोप, अरेस्ट वारंट जारी

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नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को PF में धोखाधड़ी के मामले में अरेस्ट वारंट जारी हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक उथप्पा सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में हिस्सेदार हैं। इस कंपनी ने कर्मचारियों के खातों से प्रोविडेंट फंड यानी PF का पैसा तो काट लिया लेकिन उसे जमा नहीं किया। जिसके कारण से लगभग 23 लाख रुपए की धोखाधड़ी सामने आई है। इसी वजह से 4 दिसंबर को उथप्पा के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया था। उन्हें पूरे पैसे जमा करने के लिए 27 दिसंबर तक का समय भी दिया गया। लेकिन अगर वह ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें फिर गिरफ्तार किया जा सकता है। अब इससे पहले ही उथप्पा की तरफ से बयान सामने आया है।

रॉबिन उथप्पा ने कंपनियों को उधार दिए थे पैसे

रॉबिन उथप्पा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि मेरे खिलाफ PF मामले की हाल की खबरों सामने आने के बाद, मैं स्ट्रॉबरी लेंसेरिया प्राइवेट लिमिटेड, सेंटारस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड और बेरीज फैशन हाउस के बारे में अपनी भागीदारी के बारे में बताना चाहता हूं। मुझे 2018-19 में इन कंपनियों में डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था। क्योंकि कर्ज के तौर पर मैंने इन कंपनियों को पैसे दिए थे। मेरे पास सक्रिय कार्यकारी भूमिका नहीं थी, एक प्रोफेशनल क्रिकेटर, टीवी प्रेजेंटर और कमेंटेटर के रूप में काम को देखते हुए मेरे पास इसमें भाग लेने के लिए समय नहीं था। आज तक जिन अन्य कंपनियों को मैंने कर्ज दिया है। उनमें भी कार्यकारी भूमिका नहीं निभाता हूं।

 

 

 

 

 

 

 

 

ऊपर से ये कंपनिया मेरे द्वारा दिए गए उधार को चुकाने में असफल रही हैं। जिसके कारण मुझे कानूनी कार्यवाही शुरू करनी पड़ी। कई साल पहले मैंने डायरेक्टर के पद से भी इस्तीफा दे दिया था। जब PF अधिकारियों ने बकाया भुगतान की मांग की, तो मेरी कानूनी टीम ने जवाब दिया और बताया कि इसमें मेरी कोई भी भूमिका नहीं है। इसके बाद कार्यवाही जारी है। मेरे कानूनी सलाहकार आने वाले दिनों में इस मामलों को सुलझाने के लिए कदम उठाएंगे। मैं मीडिया से भी आग्रह करना चाहूंगा कि वे कृपया पूरे तथ्य पेश करें।

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