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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में धर्म और आध्यात्म के साथ शहीदों के बलिदान की गाथा के भी दर्शन कराएगी कुम्भ नगरी

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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक तरफ महाकुंभ जैसी सनातन धर्म की धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं के संरक्षण का कार्य कर रही तो वहीं देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों की बलिदान की गाथा को भी जन-जन तक पहुंचाने में जुटी है। शहीद चंद्र शेखर आजाद की शहादत स्थली प्रयागराज में गुमनाम शहीदों की स्मृति में ‘शहीद वॉल’ का निर्माण इसी का हिस्सा है। ये ऐतिहासिक स्मारक महाकुंभ के दौरान पर्यटकों को प्रयागराज के बलिदानी सपूतों की स्मृति से परिचित कराएगा।

₹3.5 करोड़ के बजट शहीद वॉल बनकर तैयार

कुंभ नगरी प्रयागराज में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक इस बार महाकुंभ में आध्यात्मिक अनुभूति के साथ शहीदों के बलिदान की गाथा से भी रूबरू हो सकेंगे। इसी क्रम में प्रदेश की योगी सरकार ने प्रयागराज में देश की आजादी में अपना बलिदान करने वाले गुमनाम बलिदानियों को चिन्हित कर उनके बलिदान की गाथा लोगों के बीच पहुंचाने के लिए शहीद वॉल का निर्माण कराया है। प्रयागराज स्मार्ट सिटी की तरफ से इसका निर्माण किया गया है। निर्माण पूरा होने के बाद इसमें अब फिनिशिंग का कार्य चल रहा है। शहर के सिविल लाइंस स्थित महात्मा गांधी मार्ग पर ₹3.5 करोड़ की लागत से इसका निर्माण किया गया है। महाकुंभ के पहले इसका लोकार्पण किए जाने की संभावना है।

स्वतंत्रता के गुमनाम शहीदों को समर्पित है शहीद वॉल

कुंभ नगरी प्रयागराज का स्वतंत्रता आंदोलन में अहम योगदान रहा है। शहर में कई अमर शहीदों की शहादत निशानियां अभी भी मौजूद हैं। अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की शहादत स्थली आजाद पार्क और ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान की गवाह मलाका जेल इनमे प्रमुख हैं। इन अमर शहीदों के अलावा जिले में ऐसे कई गुमनाम शहीद भी हैं जिनके बलिदान से नई पीढ़ी अभी भी परिचित नहीं है। इन्हीं गुमनाम शहीदों की बलिदान की गाथा को प्रकाश में लाने के लिए योगी सरकार की तरफ से शहीद वॉल का निर्माण कराया गया है। शहर के सिविल लाइंस में 108 लंबी यह भव्य शहीद वॉल में प्रयागराज के गुमनाम 29 शहीदों को समर्पित है। वॉल में शहीदों के 29 छोटे म्यूरल्स से फोटो बनाए गए हैं। साथ ही उनका परिचय भी रेड सैंड स्टोन में लिखा हुआ है। इसके अलावा, आठ बड़े म्यूरल्स भी यहां पर लगाए गए हैं। इनके नीचे शहीदों की शहादत की कहानियां भी स्टोन में उकेरी गई हैं। शहीद वॉल में दो वॉटर कूलर और वॉटर फाउंटेन भी बनाए गए हैं। इसमें पांच परगोला भी बनाए गए हैं। एलईडी फ्लड लाइट्स भी इसमें प्रकाश व्यवस्था के लिए लगाई गई है। वॉल के चारों तरफ ग्रीनरी और हॉर्टिकल्चर का काम भी किया गया है। वॉल के किनारे साइनेज भी लगाए गए हैं। इसमें बैठने के लिए स्पेस भी है जो खास फ्लोर स्टोन से बनाया गया है।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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