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अमेरिका का सिलिकॉन वैली बैंक दिवालिया, जानें भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ेगा असर?  

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America Silicon Valley Bank bankrupt

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वाशिंगटन। अमेरिका का सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) दिवालिया हो गया है और इस खबर ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है। SVB अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है। 2008 की मंदी के दौरान वाशिंगटन म्यूचुअल और लेहमन ब्रदर्स के डूबने के बाद इसे सबसे बड़ा आर्थिक संकट माना जा रहा है।

भारत के लोग भी इसको लेकर चिंतित होने लगे हैं। खासतौर पर उद्योग जगत में हलचल ज्यादा तेज है। दुनियाभर के विशेषज्ञों ने इसके चलते भारतीय अर्थव्यवस्था और भारतीय उद्योग जगत पर पड़ने वाले असर के बारे में बताया।

क्या है पूरा मामला?

अमेरिकी नियामकों ने शुक्रवार को SVB को बंद करने की घोषणा कर दी। कैलफोर्निया में बैंकिंग नियामकों ने बैंको बंद करने के बाद फेडरल डिपॉजिट इन्श्योरेंश कॉरपोरेशन (FDIC) को बैंक के असेट रिसीवर के तौर पर नियुक्त किया है। इस खबर को पूरी दुनिया के बाजार में ग्लोबल मंदी की आहट के रूप में देखा जा रहा है।

दरअसल, सेंटा क्लारा स्थित SVB की परेशानी तब शुरू हुई जब उसकी मूल कंपनी SVB फाइनेंशियल ग्रुप ने अपने पोर्टफोलियो से 21 अरब डॉलर की प्रतिभूतियों को बेचने की घोषणा की। कंपनी ने कहा कि उसकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए 2.25 अरब डॉलर के शेयरों की बिक्री की जा रही है।

विश्लेषकों का कहना है कि स्टार्टअप उद्योग में व्यापक मंदी के कारण बैंक में उच्च जमा निकासी की स्थिति बनी जिसके परिणामस्वरूप यह कदम उठाया गया। फेड की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद SVB ने ब्याज से होने वाली आमदनी में बड़ी गिरावट की आशंका जताई थी।

दूसरी ओर फेड की ओर से ब्याज दरें बढ़ने से भी एसवीबी बैंक का गणित गड़बड़ हो गया। आखिरकार SVB के बंद होने का सबसे बड़ा कारण उसके निवेशकों की ओर से एक साथ ही बैंक से पैसा निकालना रहा। माना जा रहा है कि निवेशकों ने बैंक के डूबने के डर से एक साथ ही बड़ी बिकवाली कर दी थी।

SVB के पास 2021 में 189 अरब डॉलर का डिपॉजिट था। बैंक ने इस पैसे से पिछले 2 वर्षों के दौरान अरबों डॉलर के बॉन्ड खरीदे थे लेकिन इस निवेश पर उसे कम ब्याज दरों के कारण पर्याप्त रिटर्न नहीं मिला।

इस बीच फेडरल रिजर्व बैंक ने टेक कंपनियों के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी। इससे बैंक का संकट और बढ़ गया। सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) एक हफ्ते पहले दो अरब डॉलर से अधिक की पूंजी जुटाने में असफल रहा था। उसके बाद वह 2008 के वित्तीय संकट के बाद धराशाई होने वाला अमेरिका का सबसे बड़ा बैंक बन गया।

भारत पर क्या पड़ेगा असर?

सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) में वर्तमान संकट का असर भारतीय स्टार्टअप की दुनिया पर पड़ने से इन्कार नहीं किया जा सकता। स्टार्टअप पर आंकड़े जुटाने वाली ट्रैक्सन डाटा के अनुसार, एसवीबी ने भारत में करीब 21 स्टार्टअप में निवेश कर रखा है।

हालांकि, इनमें निवेश की गई राशि की जानकारी स्पष्ट नही है। एसवीबी का भारत में सबसे अहम निवेश एसएएएस-यूनिकॉर्न आईसर्टिस में है। स्टार्टअप कंपनी एसवीबी से पिछले साल अक्तूबर में करीब 150 मिलियन डॉलर की पूंजी जुटाने में सफल रही थी।

इसके अलावा ब्ल्यूस्टोन, पेटीएम, वन97 कम्युनिकेशन्स, पेटीएम मॉल, नापतोल, कारवाले, शादी, इनमोबि और लॉयल्टी रिवार्ड्ज के भी पैसे लगे हैं। वेंचर कैपिटल कंपनी एस्सेल पार्टनर्स के भी एसवीबी से कुछ समझौता है। एसवीबी के अनुसार, एस्सेल के संस्थापकों ने भी बैंक का इस्तेमाल कंपनी की तेज वृद्धि के लिए किया है।

विशेषज्ञों ने क्या कहा?

उद्योग जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि स्टार्टअप इकोसिस्टम में सबसे बड़े वेंडर सिलिकॉन वैली बैंक के बंद होने से भारतीय स्टार्टअप परिदृश्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है। इसने इस क्षेत्र में रातों-रात काफी अनिश्चितता पैदा कर दी है।

सिलिकन वैली के जाने-माने वेंचर कैपिटलिस्ट और शुरुआती स्तर के निवेशक आशु गर्ग ने कहा, ‘उम्मीद है कि मामला सुलझ जाएगा, लेकिन मुझे लगता है कि यह भारतीय स्टार्टअप्स के लिए बड़ी हिट है।’ आशु आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र रहे हैं।

वह कहते हैं, ‘वास्तविकता यह है कि सिलिकॉन वैली बैंक भारतीय स्टार्टअप दृश्य का वास्तविक समर्थक रहा है और उसने बैंकिंग सेवाएं प्रदान की हैं। अमेरिका में व्यवसाय करने वाले अधिकांश भारतीय स्टार्टअप इस बैंक का उपयोग करते हैं क्योंकि यह उन कुछ संस्थानों में से एक है जो इसके साथ काम करने के इच्छुक हैं।’

सिलिकॉन वैली का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना ने कहा कि एफडीआईसी को अधिकारियों द्वारा पिछले कुछ महीनों में कम बिक्री की जांच करने की आवश्यकता है और कम से कम मुनाफे के जुर्माने के साथ एक क्लॉबैक होना चाहिए।

रामास्वामी ने कहा, ‘अगर आप सिलिकॉन वैली बैंक में जमा करना चाहते हैं तो यह आपका व्यवसाय है। लेकिन मैंने तकनीकी उद्योग के बुद्धिजीवियों को पिछले महीने पूर्वी फिलिस्तीन के बेलआउट के लिए कॉल करते नहीं सुना।’

 किन-किन दिक्कतों का करना पड़ सकता है सामना?

सिलिकॉन वैली में हर तीसरा स्टार्टअप भारतीय-अमेरिकियों द्वारा स्थापित किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि बुनियादी भुगतान करने और अपने कर्मचारियों को तनख्वाह की समस्या आने वाले दिनों में शुरू हो सकती है।

स्टार्टअप्स में काम करने वाले कर्मचारियों की छंटनी भी शुरू हो सकती है।

बड़ी संख्या में भारतीय स्टार्टअप्स हैं, जिनके पास अमेरिका में एक कर्मचारी या कार्यालय भी नहीं है। ऐसे स्टार्टअप्स ने सिलिकॉन वैली बैंक में अपना खाता खोला था, क्योंकि ये बैंक बहुत अधिक नियामक प्रश्नों के बिना और ग्राहक-अनुकूल दृष्टिकोण के साथ ऐसी सुविधा देते हैं।

स्टार्टअप्स को लोन लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। सिलिकॉन वैली बैंक आसानी से अच्छे और नए स्टार्टअप्स को लोन दे दिया करता था।

स्टार्टअप्स के विस्तार कार्यक्रमों को भी नुकसान पहुंच सकता है।

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उत्तर प्रदेश

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और डॉ. कुमार विश्वास ने संगम में लगाई डुबकी, गौतम अदानी ने की श्रद्धालुओं की सेवा

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महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के तहत संगम घाट पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ संगम के पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अदानी ने श्रद्धालुओं के लिए चल रहे भंडारे में सेवा की और फिर बड़े हनुमान मंदिर में पूजन अर्चन किया।

रामनाथ कोविंद ने सपरिवार किया स्नान

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी पत्नी और पुत्री के साथ संगम की पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया। इस दौरान मंत्री नंदी ने स्वयं उनका हाथ पकड़कर स्नान में सहयोग किया। स्नान के बाद मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने सपरिवार मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पूजा-अर्चना की। उन्होंने महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्कृष्ट उदाहरण है। पूर्व राष्ट्रपति ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की अवधारणा को देश के आर्थिक विकास के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश की जीडीपी और आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा।

कुमार विश्वास बोले- सामाजिक समरसता का परिचायक है महाकुम्भ

डॉ. कुमार विश्वास ने मां गंगा का जयकारा लगाते हुए स्नान किया। उन्होंने गंगा के महात्म्य पर अपनी कविता से सबको मंत्रमुग्ध करते हुए कहा कि
“तपस्वी राम के चरणों चढ़ी उपहार तक आई,
हमारी मां हमारे लोक के स्वीकार तक आई।”
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का यह आयोजन 144 वर्षों के बाद आया दुर्लभ संयोग है, जो भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रेरणा देगा। उन्होंने सभी से राजनीतिक भेदभाव भूलकर इस सर्वसमावेशी आयोजन में भाग लेने का आह्वान किया। डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का सार है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक समरसता का परिचायक है, जो पूरे विश्व को एक नई दिशा देगा।

गौतम अदानी ने सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को कहा धन्यवाद

उद्योगपति गौतम अदानी ने इस्कॉन द्वारा संचालित इस्कॉन रसोई में सेवा की और श्रद्धालुओं को खाना खिलाया। उन्होंने महाकुम्भ को अद्भुत, अद्वितीय, एवं अलौकिक कहा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज आकर ऐसा लगा मानो पूरी दुनिया की आस्था, सेवाभाव और संस्कृतियां यहीं मां गंगा की गोद में आकर समाहित हो गयी हैं। कुम्भ की भव्यता और दिव्यता सजीव बनाए रखने वाले सभी साधु, संत, कल्पवासी एवं श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूँ। मां गंगा का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे। गौतम अदानी संगम और हनुमान जी के दर्शन करते हुए शंकर विमान मंडपम पहुंचे, जहां मुख्य द्वार पर 21 वैदिक ब्राह्मणों ने ‘वैदिक वेलकम’ किया। उन्होंने विमान मंडपम मंदिर प्रांगण में मौजूद गीता प्रेस की आरती संग्रह पगोडा पर श्रद्धालुओं बातचीत भी की।

राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने दूसरे दिन भी किया पवित्र स्नान

उधर, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए तीन दिन तक पवित्र स्नान और तर्पण करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने कल पवित्र स्नान किया, आज भी करूंगी और कल फिर करूंगी। मेरे नाना, नानी, दादा-दादी यहां नहीं आ सके, इसलिए उनकी ओर से तर्पण कर रही हूं। यह मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है।” सुधा मूर्ति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, “योगी जी और उनकी टीम ने यहां बहुत अच्छा काम किया है। मैं उनके लंबे जीवन की कामना करती हूं।”

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