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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ख़ुफ़िया एजेंसियों को वुहान लैब की जांच के दिए निर्देश
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने खुफिया एजेंसियों को कोरोना महामारी के उपज स्थान को तलाशने के लिए दोगुने प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। बाइडन ने एजेंसियों को कहा है कि 90 दिन के भीतर वायरस के पनपने की जगह का पता करके रिपोर्ट दें। उन्होंने कहा, यह निष्कर्ष निकालने के अपर्याप्त साक्ष्य हैं कि क्या यह किसी संक्रमित जानवर के मानवीय संपर्क से उभरा है या एक लैब दुर्घटना ने इस महामारी को जन्म दिया है।
बाइडेन ने एक बयान में कहा, ज्यादातर खुफिया समुदाय को यह नहीं लगता है कि इसका आकलन करने के लिए पर्याप्त जानकारी है कि किसकी संभावना अधिक है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं को जांच में सहायता करने का निर्देश दिया और चीन से महामारी की उत्पत्ति को लेकर अंतरराष्ट्रीय जांच में सहयोग करने कि अपील की है।
उन्होंने कहा, अमेरिका दुनिया भर में समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ काम करता रहेगा ताकि चीन पर पूर्ण, पारदर्शी, साक्ष्य-आधारित अंतरराष्ट्रीय जांच में भाग लेने और सभी प्रासंगिक आंकड़ों एवं साक्ष्यों तक पहुंच प्रदान करने के लिए दबाव डाला जा सके। उन्होंने इस संभावना को खारिज कर दिया कि अंतरराष्ट्रीय जांच में पूरी तरह से सहयोग करने में चीनी सरकार के इनकार को देखते हुए एक निश्चित निष्कर्ष कभी नहीं निकाला जा सकता है।
उत्तर प्रदेश
दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।
संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।
ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।
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