नेशनल
अमृतपाल सिंह नहीं बता रहा फंडिंग सोर्स, नशे की समस्या से लड़ने की कही बात
गुवाहाटी। असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल की एक उच्च सुरक्षा वाली सेल में बंद ‘वारिस पंजाब दे’ के अमृतपाल सिंह से पूछताछ जारी है। हालांकि अमृतपाल ने अपनी फंडिंग के सोर्स का खुलासा करने से इनकार कर दिया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान अमृतपाल सिंह ने यह संकेत दिया कि अगर उसे छोड़ दिया जाएगा तो वह अपराध की सीमा पार नहीं करेगा। पंजाब पुलिस ने दावा किया कि अमृतपाल शांति और सुरक्षा के लिए संभावित खतरा हो सकता है।
पुलिस सूत्रों ने बताया अमृतपाल सिंह ने पुलिस को बताया कि वह पंजाब में नशे की समस्या से लड़ने में मदद कर सकता है। कहा कि यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वह फिर से अपना जनाधार बनाने की कोशिश तो नहीं करेगा। एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि अगर वह शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू करता है और फिर से समर्थन जुटाता है तो यह खतरनाक हो सकता है। हमें ऐसा होने से रोकने की जरूरत है।
अमृतपाल और उसके सहयोगी जेल में
पंजाब पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाकर अमृतपाल सिंह और उसके 9 साथियों को अरेस्ट कर असम की जेल भेजा। अमृतपाल और उसके साथियों पर समाज के वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमले और कार्रवाई में बाधा उत्पन्न करने समेत कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘वह अपनी लड़ाई को लंबे समय तक लड़ना चाहता है, लंबी रेस का घोड़ा, यह खतरनाक है। वह ड्रग्स और मिशनरीज की तरफ से किए जा रहे धर्मांतरण के खिलाफ लड़ेगा और साथ ही कोई अपराध न हो यह सुनिश्चित करेगा।’
रोडे गांव से पकड़ा गया था अमृतपाल
बता दें कि पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को NSA के तहत जरनैल सिंह भिंडरावाले के गांव रोडे के गुरुद्वारे से अरेस्ट किया था।
नेशनल
दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।
दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?
इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।
एलजी के आदेश पर कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।
इस तरीके से चल रहे अभियान
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।
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