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आलीशान जीवन जी रहा था अमृतपाल सिंह, लगातार थाइलैंड आता-जाता रहता था

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Amritpal Singh

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चंड़ीगढ़। ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख अमृतपाल सिंह जहां खुद को कट्टपंथी सिख नेता पेश करने की कोशिश गत छह महीनों से कर रहा था, वहीं वह आलीशान जीवन जी रहा था। वह लगातार थाइलैंड आता जाता रहता था।

कुछ समय पहले फरवरी में अमृतपाल की शादी यूके निवासी किरणदीप कौर से हुई थी। किरणदीप को अमृतपाल पीटता भी था और घर से नहीं निकलने देता था। यह खुलासा एजेंसियों की जांच में हुआ है।

यह बात भी सामने आई कि वह अपनी छवि को नुकसान पहुंचने के डर से अपने पिछली जिंदगी के बारे में कोई बात नहीं करता था, क्योंकि भारत आने से पहले अमृतपाल 2022 तक दुबई में एक ट्रक ड्राइवर था। वह दीप सिद्धू के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख बनने भारत आया था फिर खुद को भिंडरावाले की तरह पेश किया। समर्थक उसे भिंडरावाले 2.0 कहने लगे।

खुफिया एजेंसियों के अनुसार जब तक वह विदेश में था, अमृतधारी नहीं था। साथ ही धार्मिक सिद्धांतों का पालन नहीं करता था। यह बात भी सामने आ रही है कि जब तक दुबई में था, उसके संबंध नशा तस्करों से रहे हैं। वह एक डीलर जसवंत सिंह के संपर्क में आया, जिसका भाई पाकिस्तान से ही सारा कारोबार चलाता है।

आत्मसमर्पण करने में शान

दूसरी ओर, अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह का नया ऑडियो वायरल हुआ है, जिसे उसने आत्मसमर्पण से पहले किसी को भेजा था। इस ऑडियो में कहा है कि वह खुद आत्मसमर्पण करने जा रहा है।

अगर पुलिस हमें पकड़ती है तो इसमें बेइज्जती बहुत है लेकिन अगर हम आत्मसमर्पण करते हैं तो इसमें हमारी शान है। उसने उस व्यक्ति को कहा था कि अमृतपाल को कहना कि अपने ही कुछ लोग एजेंसियों के साथ मिल गए है, जो सारी जानकारी उन तक पहुंचा रहे रहे है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 रुपये के बदले देना पड़ेगा 35,453 रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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