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नेशनल

घर से नहीं मिला अमृतपाल सिंह का पासपोर्ट, परिवार नहीं कर रहा सहयोग

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Waris Punjab De chief Amritpal Singh arrested

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अमृतसर। पुलिस व खुफिया एजेंसियों के लिए सिरदर्द बन चुका ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का पासपोर्ट उसके घर से नहीं मिला। कल गुरुवार को पुलिस अधिकारी अमृतपाल के घर पहुंचे और परिवार के सदस्यों से उसके पासपोर्ट की मांग की। परिवार ने बताया कि उसका पासपोर्ट घर में नहीं है।

आशंका जताई जा रही है कि फरारी के तुरंत बाद अमृतपाल सिंह के परिवार के सदस्यों ने पासपोर्ट कहीं भिजवा दिया था, ताकि मौका मिलते ही यह पासपोर्ट अमृतपाल के हाथ लग सके और वह विदेश फरार हो सके।

परिवार ने नहीं किया पुलिस का सहयोग

अभी तक अमृतपाल के परिवार के सदस्यों की तरफ से पुलिस को किसी तरह का सहयोग नहीं मिला है। फिलहाल पुलिस बीते दो दिन से आरोपित के परिवार से उसको सरेंडर कराने के लिए ही कह रही है। आशंका है कि अमृतपाल सिंह बीस मार्च तक इंटरनेट मीडिया के जरिए अपने परिवार के संपर्क में था। इसके बाद उसने परिवार से संपर्क नहीं किया।

एलओसी का फिर भेजा रिमाइंडर

पुलिस के हाथ से अमृतपाल के फिसलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सकते में है। बताया जा रहा है कि अमृतपाल किसी न किसी तरह विदेश भागने की फिराक में है और इसके लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भारत में बैठे अपने गुर्गों के मार्फत उसकी सहायता कर रही है।

अब पुलिस ने अमृतपाल को काबू करने के लिए लुक आउट सर्कुलर (LOC) को लेकर एयरपोर्ट, सी-पोर्ट और लैंड-पोर्ट पर रिमाइंडर भेजा है।

ISI करवा रही देश से निकलने के बंदोबस्त

पुलिस ने जब अमृतपाल सिंह पर शिकंजा कसा, ठीक उसी समय पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भी एक्टिव हो गई। ISI ने भारत में बैठे अपने एजेंट और गुर्गों को उसी समय अमृतपाल का सुरक्षा घेरा मजबूत करने के आदेश दिए।

उत्तराखंड में अलर्ट

अमृतपाल सिंह ने पंजाब से भाग कर उत्तराखंड में शरण ली थी। उत्तराखंड के एक घर में उसने शरण ली और इस मामले में एक महिला को हिरासत में लिया गया है। पंजाब पुलिस की कड़ी सुरक्षा को चकमा देकर अमृतपाल उत्तराखंड भाग गया और उत्तराखंड पुलिस की आंखों में धूल झोंककर वह वहीं रुक भी गया।

अमृतपाल के उत्तराखंड में रहने के बाद से राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया है। शुक्रवार को राज्य के देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंह नगर जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।

उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक ने बताया कि ये अलर्ट अमृतपाल सिंह के राज्य में प्रवेश की संभावना के मद्देनजर एहतियात के तौर पर किया गया है। सभी 3 जिलों और अन्य क्षेत्रों की सीमाओं पर सघन चेकिंग की जा रही है।

उत्तर प्रदेश

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और डॉ. कुमार विश्वास ने संगम में लगाई डुबकी, गौतम अदानी ने की श्रद्धालुओं की सेवा

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महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के तहत संगम घाट पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ संगम के पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अदानी ने श्रद्धालुओं के लिए चल रहे भंडारे में सेवा की और फिर बड़े हनुमान मंदिर में पूजन अर्चन किया।

रामनाथ कोविंद ने सपरिवार किया स्नान

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी पत्नी और पुत्री के साथ संगम की पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया। इस दौरान मंत्री नंदी ने स्वयं उनका हाथ पकड़कर स्नान में सहयोग किया। स्नान के बाद मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने सपरिवार मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पूजा-अर्चना की। उन्होंने महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्कृष्ट उदाहरण है। पूर्व राष्ट्रपति ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की अवधारणा को देश के आर्थिक विकास के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश की जीडीपी और आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा।

कुमार विश्वास बोले- सामाजिक समरसता का परिचायक है महाकुम्भ

डॉ. कुमार विश्वास ने मां गंगा का जयकारा लगाते हुए स्नान किया। उन्होंने गंगा के महात्म्य पर अपनी कविता से सबको मंत्रमुग्ध करते हुए कहा कि
“तपस्वी राम के चरणों चढ़ी उपहार तक आई,
हमारी मां हमारे लोक के स्वीकार तक आई।”
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का यह आयोजन 144 वर्षों के बाद आया दुर्लभ संयोग है, जो भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रेरणा देगा। उन्होंने सभी से राजनीतिक भेदभाव भूलकर इस सर्वसमावेशी आयोजन में भाग लेने का आह्वान किया। डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का सार है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक समरसता का परिचायक है, जो पूरे विश्व को एक नई दिशा देगा।

गौतम अदानी ने सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को कहा धन्यवाद

उद्योगपति गौतम अदानी ने इस्कॉन द्वारा संचालित इस्कॉन रसोई में सेवा की और श्रद्धालुओं को खाना खिलाया। उन्होंने महाकुम्भ को अद्भुत, अद्वितीय, एवं अलौकिक कहा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज आकर ऐसा लगा मानो पूरी दुनिया की आस्था, सेवाभाव और संस्कृतियां यहीं मां गंगा की गोद में आकर समाहित हो गयी हैं। कुम्भ की भव्यता और दिव्यता सजीव बनाए रखने वाले सभी साधु, संत, कल्पवासी एवं श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूँ। मां गंगा का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे। गौतम अदानी संगम और हनुमान जी के दर्शन करते हुए शंकर विमान मंडपम पहुंचे, जहां मुख्य द्वार पर 21 वैदिक ब्राह्मणों ने ‘वैदिक वेलकम’ किया। उन्होंने विमान मंडपम मंदिर प्रांगण में मौजूद गीता प्रेस की आरती संग्रह पगोडा पर श्रद्धालुओं बातचीत भी की।

राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने दूसरे दिन भी किया पवित्र स्नान

उधर, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए तीन दिन तक पवित्र स्नान और तर्पण करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने कल पवित्र स्नान किया, आज भी करूंगी और कल फिर करूंगी। मेरे नाना, नानी, दादा-दादी यहां नहीं आ सके, इसलिए उनकी ओर से तर्पण कर रही हूं। यह मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है।” सुधा मूर्ति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, “योगी जी और उनकी टीम ने यहां बहुत अच्छा काम किया है। मैं उनके लंबे जीवन की कामना करती हूं।”

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