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बिजनेस

महंगाई का एक और झटका, अमूल ने 03 से 05 रूपए तक बढाए दूध के दाम

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Amul increased the price of milk from 03 to 05 rupees

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नई दिल्ली। आम जनता को महंगाई का एक और झटका लगा है। देश की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी अमूल ने दूध के दामों में 03 से 05 रूपए तक की बढ़ोतरी कर दी है। अमूल फुल क्रीम दूध के दाम में 3 रुपये प्रति लीटर व अमूल ए2 भैंस के दूध के दाम में 5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी गई है।

अमूल के फुल क्रीम दूध का दाम बढ़कर अब 66 रुपये प्रति लीटर हो गया है, जो कि पहले 63 रुपये प्रति लीटर था। साथ ही अमूल ए2 भैंस के दूध का दाम 5 रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 65 रुपये की जगह 70 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।

इसके साथ अन्य वेरिएंट्स के दामों में भी इजाफा हुआ है। लगभग सभी प्रकार के दूध के दामों में इजाफा कर दिया गया है। ताजा बढ़ोतरी आज से लागू हो गई है।

अमूल दूध के नए दाम

अमूल ताजा 500 मिली – 27 रुपये प्रति यूनिट

अमूल ताजा एक लीटर – 54 रुपये प्रति यूनिट

अमूल ताजा दो लीटर – 108 रुपये प्रति यूनिट

अमूल ताजा छह लीटर – 324 रुपये प्रति यूनिट

अमूल ताजा 180 मिली – 10 रुपये प्रति यूनिट

अमूल गोल्ड 500 मिली – 33 रुपये प्रति यूनिट

अमूल गोल्ड एक लीटर – 66 रुपये प्रति यूनिट

अमूल गोल्ड छह लीटर- 396 रुपये प्रति यूनिट

अमूल गाय का दूध 500 मिली – 28 रुपये प्रति यूनिट

अमूल गाय का दूध एक लीटर – 56 रुपये प्रति यूनिट

अमूल ए2 भैंस का दूध 500 मिली – 35 रुपये प्रति यूनिट

अमूल ए2 भैंस का दूध एक लीटर – 70 रुपये प्रति यूनिट

अमूल ए2 भैंस का दूध छह लीटर – 420 रुपये प्रति यूनिट

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बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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