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उत्तर प्रदेश

नये कानूनों के प्रचार-प्रसार के लिए महाकुम्भ में लगायी जाए प्रदर्शनी: मुख्यमंत्री

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लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जुलाई-2024 से लागू तीन नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी को लागू तीन नये कानूनों की प्रगति पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण मार्च 2025 तक पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि नये कानूनों के क्रियान्वयन के लिए उपयोगी अभी उपकरणों की उपलब्धता यथाशीघ्र क्रय कर लिया जाए। मुख्यमंत्री ने नये कानूनों के बारे में व्यापकक जनजागरूकता फैलाने की भी जरूरत बताई है।

शुक्रवार को हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश के सभी आईपीएस, पीपीएस और प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्षों और टेक्निकल स्टाफ को तीन नये कानूनों के संबंध में शत-प्रतिशत प्रशिक्षित किया जा चुका है। वहीं 99 प्रतिशत निरीक्षकों, 95 प्रतिशत उपनिरीक्षकों तथा 74 प्रतिशत हेड कांस्टेबल/कांस्टेबल को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुम्भ-25 में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आएंगे। ऐसे में वहां नये कानूनों के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदर्शनी लगायी जाए। इसके अलावा छोटे-छोटे वीडियो के जरिये श्रद्धालुओं को नये कानूनों की खूबियों के बारे में बताया जाए। साथ ही विशेष उपलब्धियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने के साथ विगत कुछ दिनों में उल्लेखनीय दंड के प्रकरण जिनमें कम से कम समय में अपराधियों को सजा दिलायी गयी, उनका प्रचार-प्रसार किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन नये कानूनों के अनुपालन में फॉरेंसिक का अहम रोल है। वर्तमान में प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक फॉरेंसिक मोबाइल वैन ही संचालित हो रही है। ऐसे में सीएम ने जल्द से जल्द सभी जिलों में एक-एक और नयी फॉरेंसिक मोबाइल वैन की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्हाेंने कहा कि फॉरेंसिक विशेषज्ञों की भर्ती प्रक्रिया को तेज किया जाए। इन कानूनों के क्रियान्वयन में उनकी अहम भूमिका है। इसे ध्यान में रखते हुए भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार की लापरवाही न की जाए। सीएम ने कारागार में वीसी यूनिट के अधिष्ठापन की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिये। इसके अलावा सीएम ने सभी थानों पर विवेचकों और अभियोजन के अधिकारियों को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग यूनिट की सुविधा उपलब्ध कराने को कहा। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि नये कानूनों के संबंध में उपकरणों का क्रय लगातार किया जा रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने उपकरणों की क्रय प्रक्रिया में तेजी लाते हुए मार्च-25 तक क्रय प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिये।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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