अन्तर्राष्ट्रीय
हिजबुल्लाह को एक और झटका, इजरायली हमले में नसरल्लाह के दामाद हसन जाफर कासिर की मौत
दमिश्क। बीते दिनों इजरायली सेना के हमले में लेबनान में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत हो गई थी। इस बीच खबर आई है कि इजरायली हमले में नसरल्लाह के दामाद हसन जाफर कासिर की मौत हो गई है। स्काई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया के दमिश्क शहर के करीब हवाई हमले में उसके मारे जाने की संभावना है। हसन जाफर कासिर बुधवार को बेरूत में एक हवाई हमले में मारे गए मुहम्मद जाफर कासिर का भाई है। हसन की मौत हिजबुल्लाह के लिए एक और बड़ा झटका है। क्योंकि इजरायल के खिलाफ उसका नेतृत्व कमजोर हो रहा है।
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, बुधवार को इजरायली हमले में तीन मंजिला इमारत की पहली मंजिल को निशाना बनाया गया, जहां हिजबुल्लाह और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर के नेता अक्सर रहते थे। इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो गैर-सीरियाई शामिल हैं। इस हमले में चार अन्य लोग घायल हो गए, जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई। सीरियाई रक्षा मंत्रालय ने बताया कि हमले में तीन नागरिक मारे गए और तीन अन्य घायल हो गए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हमला इजरायल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स से किया गया था। बता दें कि 27 सितंबर को इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत में एक शक्तिशाली हवाई हमले में नसरल्लाह को मार गिराया था। इजरायल की ओर से बुधवार को किया गया हमला इस हफ्ते इस क्षेत्र में दूसरा हवाई हमला है। मंगलवार की सुबह हुए इजरायली हमले में एक पत्रकार समेत तीन लोगों की मौत हो गई जबकि नौ अन्य घायल हो गए।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के अलावा चार और देशों से अपने राजदूत वापस बुलाए
ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पुर्तगाल और संयुक्त राष्ट्र से बांग्लादेश के राजदूत वापस बुलाए गए हैं। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद बांग्लादेश और भारत के संबंध कुछ खास नहीं रहे हैं। वहीं, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय से जुड़े लोगों का मानना है कि प्रशासनिक प्रभाग के आदेश देश की विदेश नीति को लेकर अच्छे नहीं रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि भारत में उच्चायुक्त सहित जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, उनमें से कई राजनीतिक नियुक्तियां नहीं थीं।
भारत में उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान के अलावा जिन अन्य लोगों को वापस बुलाया गया है, उनमें न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि और ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और पुर्तगाल में बांग्लादेश के राजदूत शामिल हैं। जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, वह आने वाले महीनों में रिटायर होने वाले थे। भारत में उच्चायुक्त रहमान भी इनमें शामिल हैं।
यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच नहीं हो पाई थी बैठक
बांग्लादेश में छात्र संगठनों के नेतृत्व में लगातार विरोध प्रदर्शन हुए। इसके कारण अगस्त की शुरुआत में शेख हसीना की सरकार गिर गई और उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस घटना के बाद से भारत-बांग्लादेश संबंध खराब स्थिति में हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में कार्यवाहक प्रशासन ने हसीना के पद छोड़ने के कुछ दिनों बाद ही कार्यभार संभाल लिया। वहीं, हसीना ने बांग्लादेश छोड़ने के बाद भारत में शरण ली। ढाका में कार्यवाहक व्यवस्था ने पिछले महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक कराने के लिए लगातार प्रयास किए। हालांकि, यूनुस ने भारत की आलोचना की थी और शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठाया था। इससे भारतीय पक्ष नाखुश था और दोनों नेताओं की मुलाकात नहीं हो पाई।
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