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उत्तर प्रदेश

ऐप बेस्ड ‘वॉटर मॉनिटरिंग मैनेजमेंट सिस्टम’ बनेगा जल प्रबंधन का आधार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जनवरी 2025 में शुरू होने वाले महाकुंभ को लेकर अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में तेजी ला रही है। सीएम योगी का विजन है कि महाकुंभ दिव्य व भव्य होने के साथ ही आधुनिक तकनीक का समावेश करते हुए नव्य स्वरूप में श्रद्धालुओं व पर्यटकों के समक्ष प्रदर्शित हो। ऐसे में, योगी सरकार द्वारा महाकुंभ मेला क्षेत्र को नवीन सुविधाओं से युक्त करने के साथ ही पूरे प्रयागराज में तमाम इनोवेशन व टेक बेस्ड इनीशिएटिव्स को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में, योगी सरकार वेबसाइट व मोबाइल ऐप बेस्ड ‘वॉटर मॉनिटरिंग मैनेजमेंट सिस्टम’ के जरिए महाकुंभ मेला क्षेत्र में जल प्रबंधन की प्रक्रिया को पूरा करने पर फोकस कर रही है।

यह मोबाइल ऐप बेस्ड वॉटर मॉनिटरिंग मैनेजमेंट सिस्टम सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के लिए निर्मित किया जाएगा जो आधुनिक सुविधाओं युक्त होगा और इसके जरिए जल प्रबंधन की विभिन्न गतिविधियों की निगरानी व पूर्ति जैसे कार्यों को पूरा कर सकेगा। सीएम योगी के विजन अनुसार, इस आधुनिक सुविधा युक्त ऐप बेस्ड सिस्टम के विकास व निर्माण का कार्य यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएलसी) को सौंपा गया है।

महाकुंभ और भविष्य की जरूरतों के आधार पर होगा विकास

परियोजना के अनुसार, महाकुंभ जल निगरानी प्रणाली एक व्यापक समाधान है जो एक वेब पोर्टल और एक मोबाइल एप्लिकेशन को एकीकृत करता है जिसे विभिन्न पूर्वनिर्धारित नियंत्रण बिंदुओं पर जल स्तर की निगरानी और रिपोर्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस प्रणाली का उद्देश्य डाटा को त्वरित समीक्षा के लिए संक्षिप्त, पूर्व-संगठित प्रारूप में समेकित करना और बढ़े हुए जल स्तर, भारी वर्षा और बाढ़ जैसी स्थितियों के दौरान त्वरित निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करना है। यह प्रणाली महाकुंभ आयोजन और भविष्य की विभागीय जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण है।

इस प्रणाली को एफिशिएंट रिपोर्टिंग, क्विक डिसीजन मेकिंग, रोल बेस्ड एक्सेसिबिलिटी, अलर्ट व नोटिफिकेशंस, डाटा एनालिसिस व ट्रेंड मॉनिटरिंग तथा वॉटर लेवल ट्रेंड प्रेडिक्शन मैट्रिक्स से लैस किया जाएगा। वहीं, जलस्तर की निगरानी के लिए कंट्रोल प्वॉइंट्स के जीपीएस को-ऑर्डिनेट्स का डाटाबेस तैयार किया जाएगा। साथ ही, भौगोलिक स्थिति के अनुरूप नए कंट्रोल प्वॉइंट्स निर्माण के निर्माण का भी यह आधार बनेगा।

ऐप व वेबसाइट को इन सुविधाओं से किया जाएगा युक्त

– सिक्योर रोल बेस्ड लॉग-इन, रोल स्पेसेफिक डैशबोर्ड व सिक्योर ऑथेंटिकेशन।
– नए कंट्रोल प्वॉइंट्स को बनाने के लिए जीपीएस को-ऑर्डिनेट्स का संकलन, कंट्रोल प्वॉइंट्स की रेगुलर अपडेट्स व लॉग रिपोर्ट तैयार करने में सक्षम होगा।
– ऑटोमैटिक डाटा कंपाइलेशन, कंट्रोल प्वॉइंट्स की जियो टैगिंग, समरी रिपोर्ट तथा अलर्ट व नोटिफिकेशन मैकेनिज्म से युक्त होगा।
– गूगल मैप्स के साथ इंटीग्रेशन आर्क जीआईएस तथा मैप्स पर वन व्यू डाटा की जानकारी, क्लिक एबल्ड मैप मार्कर्स व डेंजर जोन की कंप्लायंस रिपोर्ट का संकलन कर सकेगा।
– यूजर फ्रेंडली इंटरफेस, हाइपरलिंक एक्सटेंशन, ईजी नेविगेशन तथा डीटेल्ड डाटा का एक्सपोर्ट ऑप्शन उपलब्ध कराने में सक्षम होगा।
– मैप पर उपलब्ध जियोग्राफिकल फीचर्स के रोबस्ट फिल्टरिंग मैकेनिज्म को डेवलप करने में सक्षम होगा।
– कंट्रोल प्वॉइंट्स के ट्रेंड एनालिसिस व प्रेडिक्शन मैट्रिक्स लेआउट एनालिसिस के लिए ग्राफ व चार्ट का संकलन उपलब्ध कराएगा।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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