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उत्तर प्रदेश

ज्ञानवापी: ASI को सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए फिर मिली मोहलत, अब 18 दिसंबर को होगी सुनवाई

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Gyanvapi Case

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वाराणसी। वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की ओर से सोमवार को जिला जज की अदालत में एक बार फिर नहीं दाखिल नहीं की जा सकी। भारत सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल अमित कुमार श्रीवास्तव ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है कि एएसआई के सुपरिटेंडिंग आर्कियोलॉजिस्ट अविनाश मोहंती का अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से उनकी तबीयत खराब हो गई है।

लिहाजा वह अदालत में उपस्थित होकर रिपोर्ट दाखिल करने में असमर्थ हैं। इसलिए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक हफ्ते बाद की तिथि नियत की जाए। जिला जज की अदालत ने 18 दिसंबर तक की मोहलत दी है। बता दें कि इससे पहले बीते 30 नवंबर को एएसआई को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए तीसरी बार 10 दिन का अतिरिक्त समय अदालत ने दिया था। साथ ही, यह भी कहा था कि उम्मीद करते हैं कि एएसआई अब आगे समय की मांग नहीं करेगा।

जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के आदेश से ज्ञानवापी परिसर (सील वजूखाने को छोड़ कर) में एएसआई ने बीते 24 जुलाई को सर्वे शुरू किया था। दो नवंबर को एएसआई ने कोर्ट को बताया कि सर्वे का काम पूरा हो गया है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय चाहिए।

इसके बाद एएसआई ने दोबारा अतिरिक्त समय दिए जाने की कोर्ट से मांग की। तीसरी बार अतिरिक्त समय की मांग करने पर अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 10 दिन की मोहलत एएसआई को दी। इसके साथ ही इस प्रकरण की सुनवाई की अगली तिथि 11 दिसंबर नियत कर दी थी।

तहखाना प्रकरण में पक्षकार बनने की अर्जी पर आदेश आज

ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाना प्रकरण में पक्षकार बनने की अर्जी पर जिला जज की अदालत सोमवार को अपना आदेश सुनाएगी। यह अर्जी प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से दी गई है। अदालत के आदेश से तय होगा कि वह मुकदमे में पक्षकार बनाए जाएंगे या नहीं बनाए जाएंगे।

तहखाना प्रकरण से संबंधित वाद व्यास परिवार के शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने दाखिल किया है। उन्होंने आशंका जताई है कि व्यासजी के तहखाने पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी कब्जा कर सकती है। उन्होंने अदालत से व्यासजी का तहखाना जिलाधिकारी को सुपुर्द किए जाने की मांग की है।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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