उत्तर प्रदेश
ज्ञानवापी में ASI सर्वे आज भी जारी, कल का दिन था खास; मिले थे यह साक्ष्य
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में इन दिनों काफी हलचल है। ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का सर्वे जारी है। शुक्रवार को शुरू हुआ सर्वे अब शनिवार को एक बार फिर शुरू हुआ। शनिवार को एक बार फिर से एएसआई की टीम सर्वे के लिए पहुंची औक सुबह नौ बजे सर्वे शुरू हो गया है।
ज्ञानवापी पहुंचे हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज से मैं भी इस सर्वे में भाग लूंगा। एएसआई की टीम सर्वे के दौरान कई बातों का पता लगाएगी। ढांचे के नीचे क्या है और उम्र का भी पता लगाएगी। क्या ये औरंगजेब के समय का है या पहले का। इन सब बातों का खुलासा होगा।
सर्वे के दौरान आज अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता भी एजाज मकबूल ज्ञानवापी पहुंच गए हैं। अधिवक्ता बोले- देखते हैं वहां क्या होता है। कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा और हम पूरा सहयोग करेंगे।
सीता साहू पहुंची ज्ञानवापी
हिंदू पक्ष की पैरोकार सीता साहू भी ज्ञानवापी पहुंची हैं। इससे पहले उन्होंने दावा किया है कि औरंगजेब ने 1669 में मंदिर ध्वस्त कराया और उसके ढांचे को बदल दिया। तभी से हिंदू अपना अधिकार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
कल का दिन रहा खास
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को एएसआई की टीम सर्वे के लिए ज्ञानवापी पहुंची। कल का दिन काफी खास रहा। वाराणसी में हाई अलर्ट के बीच शुक्रवार को पहले दिन का सर्वे पूरा हुआ। कल इस मामले में मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलील खारिज कर दी। इसके साथ ही एएसआई सर्वे को हरी झंडी दिखा दी। सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट की हरी झंडी के बाद मिलने के साथ ही ज्ञानवापी में एएसआई का सर्वे जारी है।
एएसआई की चार टीमों ने किया सर्वे
एएसआई ने सर्वे के लिए चार टीमें बनाई थीं। दो टीमों ने परिसर की पश्चिमी दीवार की जांच शुरू की। एक टीम को पूर्वी दीवार, दूसरी को उत्तरी दीवार व उससे जुड़े क्षेत्रों में जांच के लिए लगाया गया। टीम ने इन दीवारों के साथ ही इमारत की बाहरी दीवारों के आसपास जीपीआर का उपयोग किया। प्रयास यह जानने का था कि बाहरी क्षेत्र में भी तहखाने हैं या ठोस जमीन है।
हाथ में लिए गए जीपीआर को जमीन पर इधर-उधर घुमाकर विशेषज्ञ मशीन से मिल रही जानकारी दर्ज कर रहे थे। शाम पांच बजे सर्वे रोक दिया गया। 33 सदस्यीय टीम का नेतृत्व एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक एडीजी आलोक त्रिपाठी ने किया। टीम में नापजोख विशेषज्ञ व जीपीआर हैंडलर अधिक हैं। 24 जुलाई को हुए सर्वे में यह संख्या 43 थी।
महत्वपूर्ण है ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार
ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार और इस पर मिली आकृतियां किसी दृष्टि से वर्तमान इमारत की बनावट से मेल नहीं खातीं। दीवार हिंदू मंदिरों में मिलने वाली कलाकृतियों की भरमार है। हाथी के सूंड नुमा आकृति का चिह्न मिला है। इस पर बनी नक्काशी, स्वास्तिक, कलशफूल, कमल के फूल आदि की आकृतियां भी हैं। मंदिर पक्ष के अनुसार पश्चिमी दीवार को मां शृंगार गौरी के मंदिर का प्रवेश द्वार है।
पहले दिन के सर्वे में मिले ये साक्ष्य
एएसआई टीम सर्वे के लिए ज्ञानवापी परिसर में खनन के औजार नहीं ले गई। टीम का सबसे ज्यादा ध्यान पश्चिमी दीवार पर रहा। दो टीमों ने दीवार पर मौजूद हर आकृति की बनावट आदि की जानकारी दर्ज की। पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी की गई। दीवार के आसपास की जमीन पर घास को अपने हाथों से उखाड़ा।
इसके बाद जितनी दीवार नजर आई, उस पर बनीं कलाकृतियों को जांचा। दीवार पर बने एक दरवाजे को पत्थरों से बंद किया गया है। दरवाजा दीवार की बनावट से मेल खाता है या नहीं, यह भी जांचा। पूर्वी दीवार पर भी बंद दरवाजे को देखा और इमारत की बनावट से इसका मेल करने का प्रयास किया।
वुजूखाना के आसपास जितनी भी कलाकृतियां नजर आईं, उन्हें रिकार्ड में दर्ज किया। उत्तरी दीवार की बनावट व कलाकृतियों पर भी नजर रही और उनकी बनावट, आकार आदि को जांचा-परखा। मस्जिद पक्ष की ओर से किसी के मौजूद न रहने से तहखानों व गुंबद के नीचे मौजूद कमरे की चाबी नहीं मिली। बाहरी दीवारों की जांच के साथ ही व्यास जी के कमरे को जरूर देखा।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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