मुख्य समाचार
असम: लोगों ने स्वयं ढहाया मदरसा, आतंकवादी गतिविधियों से कनेक्शन का आरोप
गुवाहाटी। पूर्वोत्तर राज्य असम में कल मंगलवार को चौथा मदरसा ढहा दिया। खास बात है कि इस बार यह कार्रवाई सरकार नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों की तरफ से की गई है। इस बात की जानकारी पुलिस अधिकारी ने दी है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि अब मुस्लिम समुदाय भी इस काम के लिए आगे आ रहा है। असम में आतंकवादी गतिविधियों से कनेक्शन के आरोप में कुछ मदरसों को ढहाया जा रहा है।
सीएम सरमा ने बुधवार को कहा, ‘गिराए गए सभी मदरसे, मदरसे नहीं बल्कि अल-कायदा के दफ्तर थे। हमने 2-3 गिराए हैं और अब जनता अन्य को गिराने के लिए आगे आ रही है। मुसलमान समुदाय ढहाने के लिए आगे आ रहा है और कह रहे हैं कि वे ऐसा मदरसा नहीं चाहते, जहां अल-कायदा का काम होता हो। इससे मदरसा का चरित्र बदल रहा है।’
क्या था मामला
बता दें कि असम के गोलपारा जिले में स्थानीय लोगों ने मदरसा गिरा दिया। मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस के हवाले से बताया गया कि लोगों ने आरोप लगाए गए थे कि दो बांग्लादेशी नागरिक आतंकी गतिविधियों के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे थे। अधिकारियों ने कहा कि दो बांग्लादेशी नागरिक अमीनुल इस्लाम और जहांगीर आलम अल-कायदा से जुड़े संगठन के सदस्य हैं और उन्होंने 2020-2022 के बीच मदरसा में पढ़ाया था।
बुधवार को गोलपारा एसपी वीवी राकेश रेड्डी ने जानकारी दी, ‘स्थानीय लोग मदरसा गिराने की पहल कर रहे हैं। इसमें सरकार शामिल नहीं है। वे इस बात को लेकर हैरान हैं की गिरफ्तार किए गए जिहादी मदरसा में शिक्षक थे। लोगों ने एक मजबूत सन्देश दिया है कि वे जिहादी गतिविधियों का समर्थन नहीं करना चाहते।’ खबर है कि मार्च से लेकर अब तक असम पुलिस ने आतंकी गतिविधियों के चलते 40 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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