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उत्तर प्रदेश

अतीक के बेटे असद के नेपाल में किसी सेफ हाउस में छिपे होने की आशंका

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Atiq son Asad is suspected to be hiding in Nepal

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प्रयागराज। बीते 24 फरवरी को प्रयागराज में हुए उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की नृशंस हत्या मामले में नामजद माफिया अतीक अहमद के बेटे असद समेत बम चलने वाले गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और अरमान के बहुत ही सुरक्षित जगह पहुँच जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।

एक और आरोपी साबिर के तो अभी प्रयागराज के आसपास ही होने का संदेह है, लेकिन असद के बारे में अनुमान है कि वह बिहार होते हुए नेपाल में किसी सेफ हाउस में पहुंच गया है, जहां से उसके बारे में पता लगाना कठिन है।

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चिह्नित अतीक के बेटे असद समेत पांच शूटर, बमबाज पर ढाई-ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित है। हत्याकांड के 15 दिन भी बाद फरार शूटरों को गिरफ्तार करने में पुलिस और एसटीएफ की टीम नाकाम है।

नेपाल में अतीक के हैं तमाम संपर्क

नेपाल में मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद के तमाम संपर्क हैं। कहा जा रहा है कि अतीक के नेटवर्क के दम पर असद और अन्य शूटर नेपाल में छुपे हो सकते हैं। पुलिस और एसटीएफ की टीमें लगातार आरोपियों की तलाश में बिहार व आसपास के इलाकों में छापेमारी कर रही हैं।

साबरमती में छिपे होने की आशंका

गुजरात के साबरमती में भी माफिया अतीक के कुछ गुर्गों के छिपने की आशंका जताई गई है। साबरमती जेल में अतीक से भी पुलिस टीम पूछताछ करने पहुँची है। एसटीएफ ने गुजरात पुलिस से भी शूटरों को पकड़ने के लिए मदद मांगी है।

एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि साबरमती जेल में माफिया अतीक को निरुद्ध किए जाने के बाद उसका खास गुर्गा आसिफ उर्फ मल्ली अपने कई साथियों के साथ गुजरात पहुंचा था। वह साबरमती जेल के पास ही एक अपार्टमेंट में किराए पर फ्लैट लेकर रहता था। वहां कई गुर्गो का आना-जाना होता था।

यूपी का मोस्ट वांटेड अपराधी

उमेश पाल हत्याकाण्ड के ग्यारहवें दिन पहली गोली मारने वाले शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। उस्मान के मारे जाने के बाद ढाई-ढाई लाख रुपये के इनामी असद, अरमान, गुड्डू बमबाज और गुलाम के पीछे यूपी पुलिस की 15 टीम लगी है। इनमें माफिया अतीक का बेटा असद अहमद तो फिलहाल यूपी पुलिस का मोस्ट वांटेड अपराधी है।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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