उत्तर प्रदेश
अयोध्या: नाबालिग से छेड़छाड़ का विरोध करने पर महिलाओं के साथ की मारपीट, पीडिता ने दी तहरीर
अयोध्या। उप्र के योगी राज में 17 वर्षीय नाबालिग के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने पर घर में घुसकर महिलाओं के साथ मारपीट करने व जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। पीडिता ने संबंधित थाने में तहरीर देकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। मामला अयोध्या जनपद के थाना कोतवाली बीकापुर का है।
ये है मामला
पीडिता हेमलता पत्नी गंगाराम द्वारा दी गई तहरीर के मुताबिक थाना कोतवाली बीकापुर के ग्राम कोडरा मुसलमीन में 23/24 नवम्बर की रात्रि हेमलता अपनी पुत्री सपना के साथ गाँव में आई बारात देखने गई थी, जहां गांव निवासी रामपाल पासवान पुत्र राम चरन सपना के साथ छेड़खानी करने लगा। विरोध करने पर सर पर मारकर भाग गया।
मौके पर मौजूद गाँव के ही पप्पू गौड़ ने भी रामपाल पासवान को रोकने का प्रयास किया लेकिन तब तक वह भाग गया। पीडिता हेमलता ने बताया कि रामपाल पासवान पहले भी सपना के साथ छेड़खानी कर चुका है कितु गाँव का ही होने के कारण उसने एफआईआर नहीं दर्ज कराया।
आगे के घटनाक्रम के अनुसार इसके बाद पीडिता हेमलता अपने घर चली गई। रात में ही रामपाल ने घर का दरवाजा पीटा लेकिन रात हो जाने के कारण उसने दरवाजा नहीं खोला। उसके बाद सुबह के समय विपक्षी रामपाल, उसकी माता व बहन संजू, मंजू, मनीषा, निशा व रामचरन आदि एवं कुछ अज्ञात गोलबंद होकर आए तथा हेमलता व उसकी बेटी सपना को उसके घर में घुसकर जमकर मारा पीटा एवं जान से मारने की धमकी भी दी। इसके अतिरिक्त विपक्षीगण हेमलता के गले का मंगल सूत्र व कान का बुन्दा भी नोचकर ले गए।
हेमलता ने उपरोक्त घटनक्रम की पूरी जानकरी देते हुए थाना कोतवाली बीकापुर में तहरीर दी है व सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर आरोपितो की गिरफ्तारी की गुहार लगाई है। अब देखना यह है कि कानून व्यवस्था व महिलाओं के साथ किसी भी तरह का उत्पीड़न न होने देने का दंभ भरने वाली योगी की पुलिस इस मामले में क्या कार्यवाई करती है?
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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