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उत्तर प्रदेश

मैनपुरी में नाभि चूसकर पथरी निकालता था बाबा, दर्जनों लोग आते हैं इलाज कराने

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मैनपुरी। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के नगला गुलालपुर में पाखंड और अंधविश्वास का गजब का खेल खेला जा रहा है। यहां एक बाबा है जो पथरी का फ्री में इलाज करता है और वो भी बगैर चीरफाड़ किए। बाबा मरीज की नाभि को मुंह से चूसकर ही पथरी का इलाज कर देता है। दर्जनों की संख्या में लोग यहां प्रतिदिन आते हैं और अपनी पथरी का इलाज कराते हैं।

नाभि से चूसकर पथरी निकालने वाला बाबा

बाबा कहां का रहने वाला है यह किसी को नहीं पता है। कुछ दिनों पहले भगतपुरी के नगला गुलालपुर में बने एक मंदिर में बाबा पहुंचता है। बाबा ने ग्रामीणों को अपनी विशेषताओं के बारे में बताया। इसके बाद लोगों ने बाबा को रहने के लिए जगह दे दी। इसके बाद से बाबा ने अंधविश्वास फैला रखा है। इसी तरह लोग बाबा को अलग-अलग स्थान पर बुलाते हैं और बाबा वहां पहुंचकर अपने अंधविश्वास की दुकान खोल लेता है। पथरी जैसी बीमारी, जिसके इलाज के लिए लोग हजारों रुपये खर्च करते हैं, बाबा बिना किसी पैसे और बिना चीरफाड़ किए ही पथरी को अपनी मुंह से बाहर निकालने का दावा करता है। इसी अंधविश्वास में आकर लोग श्रद्धा से बाबा को दान भी देते हैं।

मैनपुरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसी गुप्ता ने बताया अंधविश्वास

यह मामला तब प्रकाश में आया जब एक महिला पथरी की समस्या लेकर बाबा के पास पहुंची। पीड़ित महिला को पांच पथरी निकालने के बाद बाबा महिला के पति के साथ कहीं चला गया। इसके बाद से अबतक बाबा के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। बाबा द्वारा पथरी निकालने का वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। मैनपुरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसी गुप्ता ने बाबा द्वारा पथरी के इलाज का वीडियो देखने के बाद इस पर आपत्ति जताते हुए बाबा पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया है। साथ ही मरीजों को बाबा का विरोध करने की नसीहत दी।

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उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

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लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

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