उत्तर प्रदेश
बागपत: नौ बीघा जमीन के लिए छोटे भाई की हत्या, लाश छोड़कर पत्नी संग भागा आरोपित
बड़ौत/बागपत। उप्र के बागपत के जौनमाना गांव में बड़े भाई ने नौ बीघा जमीन के लिए छोटे भाई की फावड़े से काटकर हत्या कर दी। आरोपित अपनी पत्नी को लेकर फरार हो गया। आरोपित ने घटना की जानकारी अपने बेटे को दी। पुलिस ने आरोपित को हिरासत में ले लिया और युवक के शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त फावड़ा भी बरामद कर लिया है।
जौनमाना गांव में हरबीर सिंह के बेटे रविंद्र, शोकेंद्र और अशोक एक ही घर में रहते हैं। इनमें केवल रविंद्र ही शादीशुदा है। शोकेंद्र अक्सर बाहर रहता है। रविंद्र का बेटा अक्षय भी शादीशुदा है। वह भी पत्नी को लेकर गांव से बाहर रहता है।
नौ बीघा जमीन के लिए था विवाद
रविंद्र, शोकेंद्र और अशोक के बीच पुश्तैनी नौ बीघा कृषि भूमि को लेकर विवाद चल रहा था। ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार रात घर पर रविंद्र, उसकी पत्नी और अशोक मौजूद थे। रात के समय रविंद्र और अशोक के बीच भूमि के बंटवारे को लेकर झगड़ा हो गया।
रात लगभग ढाई बजे रविंद्र ने फावड़े से अशोक पर कई प्रहार किए, जिसके बाद वह लहूलुहान होकर जमीन पर गिर गया और उसने दम तोड़ दिया। रविंद्र ने अशोक के शव को बाथरूम में डाल दिया और उसका दरवाजा बंद कर दिया। उसके बाद आरोपित रविंद्र अपनी पत्नी को लेकर घर का ताला लगाकर चला गया।
रविंद्र ने मंगलवार सुबह बेटे अक्षय को जानकारी दी कि उसकी मां बीमार है। अक्षय सुबह लगभग 10 बजे घर पहुंचा तो घर का ताला बंद देखकर पिता को फोन किया। रविंद्र ने अक्षय को बड़ौत बुलाया और अशोक की हत्या करने की जानकारी दी। अक्षय ने घटना की जानकारी पुलिस को दी।
इंस्पेक्टर संजय कुमार ने बताया कि नौ बीघा कृषि भूमि को लेकर रविंद्र ने छोटे अविवाहित भाई की हत्या कर दी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रविंद्र से पूछताछ की जा रही है। उसकी पत्नी को भी तलाश किया जा रहा है। घटना का मुकदमा अशोक के चाचा नरेंद्र ने रविंद्र के खिलाफ दर्ज कराया है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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