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आध्यात्म

बसंत पंचमी का पर्व आज, जानें शुभ मुहूर्त व सरस्वती पूजा की विधि

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Basant Panchami 2024

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नई दिल्ली। माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इसी के कारण इस दिन मां सरस्वती की विधिवत पूजा करने का विधान है। इसके साथ ही इस दिन से बसंत ऋतु की भी शुरुआत हो जाती है।

ज्ञान की देवी मां सरस्वती की इस दिन विधिवत पूजा करने के साथ कुछ मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं। इसके साथ ही आज से वसंत ऋतु का शुभारंभ हो जाता है। ऐसे में बसंत पंचमी के मां सरस्वती की पूजा विधि-पूर्वक करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं।

बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त

इस वर्ष माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 25 जनवरी दोपहर 12:34 से प्रारंभ होगी और इसका समापन 26 जनवरी 2023 को सुबह 10:28 पर होगा। पूजा का मुहूर्त 26 जनवरी को सुबह 07:12 से दोपहर 12:34 तक रहेगा।

इस अवधि में विधिवत माता की आराधना करें और सरस्वती वंदना का पाठ जरूर करें। आइए जानते हैं सरस्वती पूजा की विधि और माता सरस्वती को समर्पित कुछ चमत्कारी मंत्र।

माता सरस्वती पूजा की विधि

शास्त्रों में बताया गया है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से पहले व्यक्ति को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करना चाहिए व साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।

मां सरस्वती की पूजा के लिए पीले रंग का वस्त्र शुभ माना जाता है।

इसके बाद ईशान कोण में मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें और उनको पीले रंग का वस्त्र अर्पित करें।

तत्पश्चात माता को हल्दी, चंदन, रोली, केसर, पीले रंग का पुष्प, मिठाई और अक्षत अर्पित करें।

पूजा स्थान पर किताब का छोटा वाद्य यंत्र जैसे बांसुरी को भी स्थापित करें और इनकी उपासना करें।

मां सरस्वती को समर्पित मंत्रों का जाप करें और अंत में आरती अवश्य करें।

मां सरस्वती के मंत्र

या कुंदेंदुतुषारहारधवला, या शुभ्रवस्त्रावृता।

या वीणा वर दण्डमण्डित करा, या श्वेत पद्मासना।।

या ब्रहमाऽच्युत शंकर: प्रभृतिर्भि: देवै: सदा वन्दिता।

सा मां पातु सरस्वती भगवती, नि:शेषजाड्यापहा।।

शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।

वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।।

हस्ते स्फाटिकमालिकां च दधतीं पद्मासने संस्थितां।

वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।।

ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।

कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।।

वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।

रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।।

सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।

वन्दे भक्तया वन्दिता च।।

माता सरस्वती मूल मंत्र

ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः।।

सरस्वती गायत्री मंत्र

ॐ सरस्वत्यै विद्महे, ब्रह्मपुत्रियै धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात।।

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आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

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लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

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