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प्रादेशिक

महाराष्ट्र के तीसरे मंत्री जेल जाने के लिए रहें तैयार: भाजपा नेता किरीट सोमैया

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मुंबई। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने आज गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के तहत प्रदर्शन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के मद्देनजर उन्हें जेल जाने के लिए तैयार रहना चाहिए। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार के दो मंत्री, गृह मंत्री अनिल देशमुख और नवाब मलिक, जेल की सलाखों के पीछे हैं।

दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय ने रत्नागिरि जिले के तटीय दापोली इलाके में भूमि सौदे में कथित अनियमितताओं और अन्य आरोपों को लेकर परब एवं अन्य के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के तहत राज्य में आह गुरुवार को कई स्थानों पर छापे मारे।

केंद्रीय एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक ताजा मामला दर्ज किया है, जिसके बाद दापोली, मुंबई और पुणे में कई स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं।

तीन बार महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित अनिल परब (57) राज्य के परिवहन मंत्री हैं। इससे पहले, निदेशालय महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को धनशोधन के अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार कर चुका है।

सोमैया ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, ”अनिल देशमुख और नवाब मलिक के बाद अब कैबिनेट के तीसरे मंत्री अनिल परब को जेल जाने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। मुझे भरोसा है कि जांच एजेंसियां परब के खिलाफ केवल एक मामला नहीं, बल्कि सभी आरोपों को उजागर करेगी।”

पूर्व भाजपा सांसद ने कहा कि वह पिछले कुछ वर्षों से लगातार विभिन्न मुद्दों को उठा रहे हैं और परब के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई दापोली में 2017 में अनिल परब द्वारा एक करोड़ रुपए के प्रतिफल मूल्य पर एक भूखंड की खरीद संबंधी आरोपों से जुड़ी है। इस भूखंड को 2019 में पंजीकृत किया गया था। एजेंसी कुछ अन्य आरोपों की भी जांच कर रही है।

आरोप है कि इस भूखंड को बाद में मुंबई के केबल ऑपरेटर सदानंद कदम को 2020 में 1.10 करोड़ रुपए के प्रतिफल मूल्य पर बेच दिया गया था। इस बीच, इसी जमीन पर 2017 से 2020 तक एक रिजॉर्ट बनाया गया।

आयकर विभाग की जांच में पहले कहा गया था कि रिजॉर्ट का निर्माण 2017 में शुरू हुआ था और इसके निर्माण में छह करोड़ रुपए नकद खर्च किए गए थे।

सौमैया ने आरोप लगाया है कि रिसॉर्ट का निर्माण तटीय नियामक क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इलाके में अवैध रूप से किया गया और बताया जाता है कि इस पर अनिल परब का अप्रत्यक्ष स्वामित्व है।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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