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नेशनल

2014 से पहले लूट लेते थे गरीब का पैसा, आज सीधा बैंक खाते में: पीएम मोदी

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PM Modi video conferencing

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भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश में रोजगार मेला को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने कई शिक्षकों को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए। अपने संबोधन में PM मोदी ने कहा कि आप सभी इस ऐतिहासिक कालखंड में शिक्षण जैसे महत्वपूर्ण दायित्व से अपने आप को जोड़ रहे हैं। इस बार मैंने लाल किले से विस्तार से बात ​की है कि कैसे देश के विकास में राष्ट्रीय चरित्र की अहम भूमिका है। आप सभी को भारत की भावी पीढ़ी को गढ़ने, उन्हें आधु​निकता में ढालने और नई दिशा देने की जिम्मेदारी है।

पीएम मोदी ने कहा कि कि पिछले तीन वर्षों में मध्य प्रदेश में करीब 50 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई है। इसके लिए राज्य सरकार भी बधाई की पात्र है। विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने की दिशा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का बहुत बड़ा योगदान है। इसमें पारंपरिक ज्ञान से लेकर भविष्य की टेक्नोलॉजी को समान रूप से महत्व दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा एक और बहुत बड़ा काम हुआ है, मातृभाषा में पढ़ाई को लेकर। अंग्रेजी न जानने वाले अनेकों छात्रों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाई न कराकर एक तरह से उनके साथ बड़ा अन्याय किया गया था। ये सामाजिक न्याय के विरुद्ध था। इस सामाजिक अन्याय को भी हमारी सरकार ने दूर कर दिया है। जब सकारात्मक सोच, सही नीयत, पूर्ण निष्ठा के साथ निर्णय होते हैं तो पूरा वातावरण सकारात्मकता से भर जाता है।

औसतन आय में बढ़ोतरी

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में लोगों की औसतन आय में भारी बढ़ोतरी हुई है। आईटीआर के आंकड़ों के मुताबिक, 2014 में जो औसत आय करीब 4 लाख रुपये थी, वो 2023 में बढ़कर 13 लाख रुपये हो गई है। भारत में लोअर इनकम से अपर इनकम में जाने वालों की संख्या बढ़ी है। ये आंकड़ें इस बात का संकेत हैं कि देश के हर सेक्टर को मजबूती मिल रही है और रोजगार के अनेक अवसर बढ़ रहे हैं।

2014 से पहले घोटालों और भ्रष्टाचार का दौर

उन्होंने ने कहा देश का नागरिक वह दिन भूल नहीं सकता, जब 2014 से पहले घोटालों और भ्रष्टाचार का दौर था, गरीब का हक उस तक पहुंचने से पहले की लूट लिया जाता था। आज गरीब के हक का पैसा सीधे उसके खाते में पहुंच रहा है।

हमारे विश्वकर्मा साथियों के पारंपरिक कौशल को 21वीं सदी की जरूरतों के मुताबिक ढालने के लिए ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ बनाई गई है। इस पर 13 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे 18 अलग-अलग तरह के हुनर से जो परिवार जुड़े हुए हैं, उन्हें हर प्रकार की सहायता दी जाएगी।

नेशनल

दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

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