नेशनल
लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न: पाकिस्तान में जन्मा हिंदुत्व का चेहरा, राम मंदिर के लिए निकाली रथ यात्रा
लखनऊ। साल 1990 में सोमनाथ से एक रथ निकाला गया जिसने पूरे देश में तहलका मचा दिया… और जिसकी अगुवाई की इस वक़्त के कराची में जन्मे लाल कृष्ण अडवाणी ने.. और आज लाल कृष्ण अडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है… लेकिन राम रथ से भारत रत्न का रास्ता अडवाणी के लिए आसान नहीं था…
जिस वक़्त देश में कई विचारधाराएं बहुत प्रबल थी… उस वक़्त आडवाणी ने श्री राम के नाम से राजनीती में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का झंडा बुलंद किया… आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी…. कई वर्षों तक आडवाणी राजस्थान में आरएसएस प्रचारक के काम में लगे रहे… इस वक़्त भाजपा जिस मुकाम पर है उसका श्रेय आडवाणी को देना गलत नहीं होगा… बता दें कि वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी…
1980 से 1990 के बीच आडवाणी ने भाजपा को एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाने के लिए काम किया… लालकृष्ण आडवाणी 1986 से 1990, 1993 से 1998 और 2004 से 2005 तक तीन बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहे… 1984 में महज दो सीटें हासिल करने वाली पार्टी को अगले लोकसभा चुनावों में 86 सीटें मिलीं… आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस सत्ता से बाहर थी और भाजपा सबसे अधिक संख्या वाली पार्टी बनकर उभरी थी… दरअसल अटल बिहारी भाजपा के सबसे बड़े चेहरे थे… लेकिन परदे के पीछे का काम आडवाणी ने ही किया… 1980 में आडवाणी ने ही वाजपेयी को सलाह दी थी कि जनता पार्टी परिवार से अलग होकर पार्टी का गठन करना चाहिए… क्योंकि तब के जनता पार्टी के नेता, वाजपेयी के विकास को रोकने की कोशिश कर रहे थे… आडवाणी ने ही कमल फूल का चुनाव चिह्न चुना था… राजनीति में अटल-आडवाणी की जोड़ी बहुत सफल और अटूट मानी जाती थी…
वह 1998 से 2004 के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस यानि कि एनडीए में गृहमंत्री रह चुके हैं… लालकृष्ण आडवाणी 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के सातवें उप प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं… 10वीं और 14वीं लोकसभा के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता की भूमिका बखूबी निभाई है… 2015 में उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था… आडवाणी ने एक किताब लिखी है जिसका नाम- माई कंट्री, माई लाइफ है… आडवाणी अभी तक आधा दर्जन से ज्यादा रथ यात्राएं निकाल चुके हैं… जिनमें ‘राम रथ यात्रा’, ‘जनादेश यात्रा’, ‘स्वर्ण जयंती रथ यात्रा’, ‘भारत उदय यात्रा’ ‘भारत सुरक्षा यात्रा’ और ‘जनचेतना यात्रा’ प्रमुख हैं…. और अब लाल कृष्ण अडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया है…
रिपोर्ट: महिमा शर्मा
नेशनल
संसद में धक्का-मुक्की के दौरान घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसद हुए अस्पताल से डिस्चार्ज
नई दिल्ली। संसद परिसर में 19 दिसंबर को हुई धक्का-मुक्की की घटना में घायल हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल से चार दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। बता दें कि 19 दिसंबर को संसद परिसर में विपक्ष और एनडीए के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हो गई थी। इस धक्का-मुक्की के दौरान बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। उसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सिर में चोट आई थी और ब्लड प्रेशर की भी समस्या हो गई थी।
संसद परिसर में धक्का-मुक्की के बाद घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसदों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसके दो दिन बाद यानी 21 दिसंबर को उन्हें एक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि, “दोनों सांसदों की हालत अब काफी बेहतर है और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. शुक्ला एमएस ने पहले कहा था कि, ‘एमआरआई और सीटी स्कैन में चोट के संबंध में कुछ भी महत्वपूर्ण बात सामने नहीं आई है।
बता दें, कांग्रेस के राहुल गांधी पर ये आरोप लगाया गया कि उन्होंने भाजपा के सांसदों को धक्का मारा जिस वजह से वे घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में तुरंत भर्ती करवाया गया।जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर घायल सांसदों से बात की थी। इसके अलावा, उन्होंने सांसद मुकेश राजपूत से कहा, “पूरी देखभाल करना, जल्दबाजी नहीं करना और पूरा इलाज कराना।”
घटना को लेकर बीजेपी ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने धक्का देकर बीजेपी सांसदों को घायल कर दिया। बीजेपी ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार भी किया है जिसमें बीजेपी पर ये आरोप लगाया कि उनके सांसदों ने धक्का-मुक्की की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चोटिल होते-होते बचे। फिलहाल घायल सांसद डॉक्टरों की निगरानी में हैं और पूरी तरह से स्वस्थ होने तक आराम करेंगे।
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