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प्रादेशिक

हरियाणा में AAP को बड़ा झटका, पार्टी से इस्तीफा देकर BJP में शामिल हुए अशोक तंवर

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Ashok Tanwar Joined BJP

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चंडीगढ़। हरियाणा में आम आदमी पार्टी के चुनाव कैंपेन कमेटी के चेयरमैन अशोक तंवर ने दो दिन पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, आज उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मौजूदगी में भाजपा का दामन थाम लिया है।

बीजेपी में शामिल हुए अशोक तंवर

आप से इस्तीफा देने के बाद अशोक तंवर ने बीजेपी को ज्वाइन की है। बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष नायब सैनी ने तंवर का पार्टी में स्वागत किया। बता दें कि इससे पहले अशोक तंवर कांग्रेस में थे। बीच में, पूर्व लोकसभा सांसद ने अपनी पार्टी बनाई थी।

कुछ समय के लिए तृणमूल कांग्रेस में भी शामिल हुए थे। फिर वह आप में शामिल हुए और अब वह आप से इस्तीफा देकर बीजेपी से जुड़ गए हैं। जानकारी के मुताबिक, अशोक तंवर ने आप की कांग्रेस से बढ़ती हुई नजदीकियों के कारण पार्टी से इस्तीफा दिया है।

क्या बोले अशोक तंवर

बीजेपी और पीएम मोदी की तारीफ करते हुए अशोक तवंर ने कहा कि PM मोदी जो भी गारंटी देते हैं उसे पूरा करते हैं चाहे वे किसी भी रूप में हो। उन्होंने कहा हमने बहुत से लोगों को देखा है जो बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर की तस्वीर तो लगाते हैं लेकिन बाबा साहब के संविधान में उनका कोई विश्वास नहीं है। वे लोग केवल छल कपट के माध्यम से धोखा देने में लगे हुए हैं। ऐसे धोखेबाजों को 2024 में जनता सबक सिखाने का काम करेगी।

जाट आबादी वाले क्षेत्रों में मजबूत होगी बीजेपी

अशोक तंवर ने 2019 में कांग्रेस छोड़ दी और 2022 में AAP में शामिल हुए थे। भाजपा को उम्मीद है कि तंवर के शामिल होने से हरियाणा में बीजेपी अपने वोट को और मजबूत कर लेगी। खासकर जहां जाट सबसे अधिक आबादी वाली जाति है। बता दें कि इस साल के अंत में हरियाणा में भी विधानसभा चुनाव होने हैं।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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