उत्तर प्रदेश
आजम खां को तगड़ा झटका, बेटे के फ़र्ज़ी जन्म प्रमाण पत्र मामले में पत्नी सहित दोषी करार
रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री आजम खां के बेटे अब्दुल्ला के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में अदालत आज फैसला सुनाते हुए बेटे सहित आजम और उनकी पत्नी को भी दोषी करार दिया है। इस दौरान कोर्ट में आजम खां के साथ बेटा अब्दुल्ला और डा. तजीन फात्मा पेश हुईं। इसी के मद्देनजर रामपुर कचहरी में चप्पे-चप्पे पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे।
बता दें कि इस मामले में आजम खां के अधिवक्ता द्वारा सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा ट्रांसफर कराने के लिए दायर की गई अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। आजम खां के परिवार के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र का मामला भाजपा विधायक आकाश सक्सेना की ओर से गंज कोतवाली में तीन जनवरी 2019 को दर्ज कराया गया था।
इसमें आरोप है कि आजम खां ने बेटे के अलग-अलग जन्मतिथि से दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए हैं। इसमें एक जन्म प्रमाण पत्र रामपुर नगर पालिका से बना है, जबकि दूसरा लखनऊ से बना है। इस मुकदमे में आजम खां के अलावा उनके बेटे अब्दुल्ला और पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा भी नामजद हैं।
इसकी सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। दोनों ओर से गवाही पूरी हो चुकी है। अदालत ने इस मामले में 18 अक्टूबर फैसले के लिए नियत की थी। हालांकि इससे बचने के लिए आजम खां सुप्रीम कोर्ट भी गए थे, जहां उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से मुकदमा ट्रांसफर अर्जी दायर की थी।
भाजपा विधायक के अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी अर्जी खारिज हो गई है। अब इस मामले में बुधवार को फैसला आने की पूरी संभावना है। इसमें आजम खां और उनके परिवार पर धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज बनाने आदि गंभीर धाराओं में आरोप हैं।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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