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उत्तर प्रदेश

उप्र एमएलसी चुनाव में सपा को बड़ा झटका, प्रत्याशी कीर्ति कोल का पर्चा खारिज

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akhilesh yadav Samajwadi Party

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लखनऊ। उप्र एमएलसी चुनाव में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। सपा प्रत्याशी कीर्ति कोल का पर्चा खारिज कर दिया गया है। ऐसे में भाजपा के दोनों प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। सपा ने कीर्ति कोल को मैदान में उतारकर जनजातीय दांव खेला था।

दो सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए सोमवार को ही भाजपा की तरफ से धर्मेंद्र सिंह सैंथवार और निर्मला पासवान के साथ ही सपा की तरफ से जनजातीय समाज से आने वाली कीर्ति कोल ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। मंगलवार को पर्चा जांच शुरू हुई तो कीर्ति कोल के नामांकन में खामियां मिलीं।

बताया जाता है कि कम उम्र के चलते कीर्ति कोल का नामांकन पत्र खारिज किया गया है। विधान परिषद सदस्य के निर्वाचन के लिए न्यूनतम 30 वर्ष की आयु होनी चाहिए लेकिन समाजवादी पार्टी की विधान परिषद उम्मीदवार कीर्ति कोल ने नामांकन पत्र में अपनी उम्र 28 वर्ष दिखाई थी।

इसके चलते रिटर्निंग अफसर की तरफ से नामांकन पत्र की जांच के दौरान इसे खारिज कर दिया गया। कीर्ति कोल का नामांकन खारिज होने से भाजपा के दोनों उम्मीदवारों धर्मेंद्र सिंह और निर्मला पासवान का निर्विरोध निर्वाचित तय हो जाएगा।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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