उत्तर प्रदेश
ज्ञानवापी पर बड़ा फैसला, एएसआई रिपोर्ट होगी सार्वजनिक; वाराणसी जिला जज ने दिया आदेश
वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी मामले को लेकर बड़ी खबर आ रही है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने पर सुनवाई की। इसमें उन्होंने रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर सहमति दे दी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दोनों पक्षों को एएसआई के वैज्ञानिक सर्वे की रिपोर्ट हार्ड कॉपी में दी जाएगी। इस सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने की मांग लगातार की जा रही थी। अब तक मुस्लिम पक्ष रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने का विरोध कर रहा था। बुधवार की सुनवाई में जिला जज ने अहम फैसला दे दिया है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट दाखिल
वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में ASI सर्वे रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है। बुधवार को एएसआई की टीम ने सर्वे रिपोर्ट दाखिल किया। वर्ष 1991 में आदि विश्वेश्वर की ओर से ज्ञानवापी मसले पर याचिका दायर की गई है। याचिका पर पिछले दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लोअर कोर्ट को छह माह में सुनवाई का आदेश दिया है। इसके बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई।
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एएसआई को ज्ञानवापी पर सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। एएसआई ने बुधवार को लोअर कोर्ट में रिपोर्ट दायर कर दी। अब इस मामले में लोअर कोर्ट सुनवाई को आगे जारी रखेगी। माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में सुनवाई पूरी कर कोर्ट की ओर से कोई निर्णय आ सकता है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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