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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत

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Big relief to Congress leader Pawan Kheda

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नई दिल्ली। असम पुलिस द्वारा कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के कुछ ही देर बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा की अंतरिम जमानत याचिका को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही कोर्ट ने असम पुलिस और यूपी पुलिस को एफआईआर को एक साथ करने की याचिका पर नोटिस जारी किया है।

शीर्ष अदालत का कहना है कि सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ता को द्वारका कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा। कोर्ट ने द्वारका कोर्ट को खेड़ा को अंतरिम राहत देने का निर्देश दिया है।

बता दें, पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता व कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर तत्काल सुनवाई की अपील की थी। वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने खेड़ा के लिए अंतरिम राहत और प्राथमिकी के एकत्रीकरण की मांग की, क्योंकि देश भर में कई मामले दर्ज किए जा रहे है।

सिंघवी ने कहा, खेड़ा ने इस मामले में माफी मांगी है और कहा कि यह एक गलती थी, जुबान फिलल गई थी। उन्होंने कहा, पवन खेड़ा की गिरफ्तारी की कोई आवश्यकता नहीं है।

बता दें कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को आज दिल्ली एयरपोर्ट से तब गिरफ्तार कर लिया गया था, जब वह दिल्ली से रायपुर कांग्रेस अधिवेशन में शामिल होने जा रहे थे। वह इंडिगो के विमान में सवार हो गए थे, लेकिन उन्हें नीचे उतार दिया गया। उनके खिलाफ यह एक्शन पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी को लेकर असम पुलिस ने लिया है।

पीएम मोदी पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी

गौरतलब है कि पवन खेड़ा ने 17 फरवरी को एक प्रेस वार्ता में पीएम मोदी के पिता पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। खेड़ा ने कहा था कि हिंडनबर्ग-अदाणी मसले पर जेपीसी का गठन करने में “नरेन्द्र गौतमदास मोदी” को समस्या क्या है। बाद में उन्होंने कहा कि क्षमा करें …”नरेन्द्र दामोदरदास मोदी”।

खेड़ा ने बाद में ट्वीट कर कहा कि वह भ्रमित हो गए थे, लेकिन साथ ही कहा कि “नाम दामोदरदास है, लेकिन कर्म गौतमदास के हैं।” इस टिप्पणी को लेकर पवन खेड़ा के खिलाफ असम के अलावा वाराणसी और लखनऊ में भी केस दर्ज हो चुका है।

 

नेशनल

World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल

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बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।

180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए

दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।

ये रिकॉर्ड टूटे

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक

एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स

⁠एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया

 

 

 

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