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प्रादेशिक

बिहार: कर्जदारों से तंग परिवार ने की सामूहिक आत्महत्या, पांच की मौत; एक गंभीर  

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Mass Suicide in nawada bihar  

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पटना। बिहार के नवादा शहर से सामूहिक आत्महत्या (Mass Suicide) का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज से तंग आकर एक परिवार परिवार के छह सदस्यों ने सामूहिक खुदकुशी के इरादे से जहर खा लिया। इनमें से पांच की मौत हो गई। बताया गया है कि सूदखोर परिवार पर दबाव डाल रहे थे।

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जानकारी के मुताबिक परिवार के मुखिया केदारनाथ गुप्ता परिवार सहित नवादा के न्यू एरिया की आदर्श सोसायटी में किराए के घर में रहते थे गुप्ता व उनके परिवार के छह लोगों ने जहर खाया। इनमें से गुप्ता समेत पांच की मौत हो चुकी है, एक लड़की की हालत गंभीर है, उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

नवादा पुलिस के अनुसार केदारनाथ गुप्ता मूलरूप से रजौली के रहने वाले थे। वे कुछ समय से अपने परिवार के साथ नवादा के विजय बाजार में फल की दुकान चलाते थे। कारोबार के लिए उन्होंने कुछ लोगों से कर्ज लिया था। कर्ज और ब्याज लगातार बढ़ रहा था और वे उसे चुका नहीं पा रहे थे।

बताया जा रहा है कि कर्जदाता केदारनाथ गुप्ता पर पैसा चुकाने का दबाव बना रहे थे। परिवार के अन्य सदस्यों को भी प्रताड़ित किया जा रहा था। इसी से तंग आकर पूरे परिवार ने सामूहिक रूप से यह खौफनाक कदम उठाया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक मरने वालों में केदारनाथ गुप्ता, उसकी पत्नी अनिता और तीन बच्चे शामिल हैं। दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य ने अस्पताल में दम तोड़ा। एक बेटी की हालत गंभीर है। उसने बताया कि कर्ज देने वाले लोग उन्हें परेशान कर रहे थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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