Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिहार

फर्जी कॉल मामले में डीजीपी की भूमिका संदिग्ध, सीबीआई से जांच कराये सरकार : सुशील मोदी

Published

on

Loading

पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि गया में शराब बरामद होने से लेकर वहांँ के तत्कालीन एसपी के ट्रांसफर और एफआईआर से दोषमुक्त करने तक पूरे मामले में फर्जी कॉल के आधार पर फैसले करने वाले डीजीपी एसके सिंघल की भूमिका संदेह के घेरे में है। इस मामले की जांच सीबीआई या किसी अन्य सक्षम एजेंसी से करायी जानी चाहिए। सुशील मोदी ने कहा कि जब एसपी स्तर के अधिकारी को बचाने और लाभ पहुंचाने का संदेह डीजीपी पर है, तो उनके नीचे काम करने वाली आर्थिक अपराध इकाई ( ईओयू) निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि डीजीपी सिंघल पिछले अगस्त महीने से उस व्यक्ति से दर्जनों बार बात कर रहे थे, उसकी पैरवी को गंभीरता से ले रहे थे, जो स्वयं को हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बता रहा था, लेकिन उन्होंने फोन करने वाले की सत्यता जांचने की कोशिश क्यों नहीं की?

मोदी कहा कि इस मामले में सवाल उठते हैं कि कई बार फोन पर बातें करने के बावजूद डीजीपी ने सीधे मिल कर हकीकत जानने की कोशिश क्यों नहीं की? यदि फोन कॉल फर्जी नहीं, असली मुख्य न्यायाधीश का ही होता, तब भी क्या शराब पकड़े जाने के मामले में एसपी स्तर के अधिकारी को फोन-पैरवी के आधार पर राहत दी जानी चाहिए थी- खास कर तब, जब शराब के मामले में 4 लाख लोग जेल जा चुके हों? जिस एसपी पर FIR किया गया था, उसे दोषमुक्त करने के लिए किसके दबाव में जांच अधिकारी को छुट्टी के दौरान चेन्नई से बुलाकर क्लोजर रिपोर्ट बनवायी गई? गया से ट्रांसफर के बाद एसपी को डीजीपी कार्यालय में एआइजी (क्यू) क्यों बना दिया गया ? डीजीपी ने पूर्व गया एसपी के विरुद्ध विभागीय जांच बंद करने के और पूर्णिया में पोस्टिंग के लिए संचिका क्यों बढ़ाई । श्री मोदी ने कहा कि ऐसे गंभीर सवालों का जवाब सीबीआई ही ढूंढ सकती है।
……………………..

Continue Reading

बिहार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा बयान, दो बार गलती किया आरजेडी के साथ चले गए

Published

on

Loading

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा कि वो अब बीजेपी में ही रहेंगे और कभी इधर-उधर नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि हम लोगों का बीजेपी के साथ मजबूत रिश्ता है. नीतीश ने कहा कि उनके लोगों ने ही दो बार गलती करवा दी थी, जिसकी वजह से वो आरजेडी के साथ चले गए थे.

नीतीश ने कहा, “दो बार मेरे लोगों ने गलती करवा दिया. हमको खराब लगा तो दोनों बार हटा दिए हम. हम तो शुरू से बीजेपी के साथ थे. अब कभी इधर-उधर नहीं जाएंगे. हम लोगों का कितना मजबूत रिश्ता है बीजेपी से. 1996 से हम इनके साथ हैं. अब साथ चलेंगे इनके साथ. एक ही साथ रहना है अब. बिल्कुल इधर-उधर नहीं जाना है.”

एनडीए की प्रमुख सहयोगी है जेडीयू

नीतीश कुमार खुद जेडीयू के प्रमुख हैं और लोकसभा चुनावों में जेडीयू, बीजेपी की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी बनकर उभरी. इस साल लगातार तीसरी बार एनडीए सरकार बनाने में जेडीयू ने मदद की. इस बार आम चुनाव में बीजेपी अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई है. एनडीए में बीजेपी के बाद जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी सबसे बड़ी पार्टी है

Continue Reading

Trending