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मुख्य समाचार

बिक्रम सिंह मजीठिया को सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत, 23 फरवरी तक गिरफ्तारी पर लगाई रोक

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को ड्रग्स के एक मामले में 23 फरवरी तक गिरफ्तारी से राहत दी है। मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने पंजाब सरकार के वकील से कहा कि वह अपनी सरकार को चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ आपराधिक मामले शुरू करने से परहेज करने की सलाह दें। शीर्ष अदालत ने मजीठिया को 24 फरवरी को निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने और नियमित जमानत लेने का निर्देश दिया।

पंजाब सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसमें न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और हिमा कोहली ने कहा कि पंजाब नशे के कारोबार में डूब रहा है और युवा खतरे में हैं। उन्होंने कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय ड्रग रैकेट का मामला है और पैसे के लेन-देन हुए हैं, जहां मजीठिया ने मध्यस्थता की और हिरासत में पूछताछ के लिए दबाव डाला।

मुख्य न्यायाधीश ने चिदंबरम से कहा कि आरोप है कि यह राजनीति से प्रेरित मामला है और पूछा कि चुनाव कब खत्म होंगे? उन्होंने पंजाब के एक विधायक के एक अन्य मामले का उल्लेख करने की ओर इशारा किया, जहां उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एक मामले का हवाला दिया और दावा किया कि उन्हें नामांकन दाखिल करने की अनुमति नहीं दी गई थी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि चुनाव से पहले अचानक ऐसे मामले सामने आते हैं और अदालत का यह मतलब नहीं है कि सरकार को ड्रग माफिया पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।

पीठ ने कहा, उन्हें नामांकन और प्रचार करने दें, एक बार यह खत्म हो जाने पर वह पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर देंगे और नियमित जमानत के लिए आवेदन करेंगे।मजीठिया का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि छह साल तक पूरी तरह से जांच की गई और उनके मुवक्किल के खिलाफ कुछ भी नहीं मिला।

शिअद प्रमुख सुखबीर बादल के करीबी रिश्तेदार मजीठिया 20 फरवरी को अमृतसर के पास मजीठा से विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में हैं। मोहाली की एक अदालत ने 20 दिसंबर को दर्ज नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत एक मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद उच्च न्यायालय का रुख किया था।

राज्य पुलिस की अपराध शाखा द्वारा मोहाली पुलिस स्टेशन में दर्ज 49 पन्नों की प्राथमिकी में शिअद नेता पर एनडीपीएस अधिनियम की धारा 25, 27ए और 29 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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