Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

नूंह व गुरुग्राम हिंसा: बिट्टू बजरंगी गिरफ्तार, भड़काऊ बयान सहित लगे हैं कई आरोप

Published

on

Bittu Bajrangi arrested in Nuh and Gurugram violence

Loading

फरीदाबाद। हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम में बीते 31 जुलाई को हुई हिंसा के सिलसिले में फरीदाबाद के गौरक्षक और बजरंग दल के कार्यकर्ता राजकुमार उर्फ़ बिट्टू बजरंगी को कल मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। बिट्टू बजरंगी को नूंह क्राइम ब्रांच की टीम ने मंगलवार दोपहर करीब ढ़ाई बजे उसके फरीदाबाद के चाचा चौक स्थित निवास से गिरफ्तार किया।

बिट्टू एक मीडिया चैनल से बातचीत कर रहा था। उसके कुछ देर बाद ही क्राइम ब्रांच प्रभारी संदीप मोर करीब बीस पुलिसकर्मियों के साथ पहुंचे और उसे हिरासत में लेकर नूंह लाए। नूंह के सिटी थाने में एक नई एफआइआर दर्ज हुई जिसमें बिट्टू को मुख्य आरोपित बना बीस अन्य लोगों के विरुद्ध प्रशासन के रोक के बावजूद धारदार हथियार लेकर भड़काऊ बयान देने तथा सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में एफआइआर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया।

लुंगी पहनकर भागता दिखा आरोपी

बिट्टू बजरंगी का गिरफ्तारी से पहले का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जिसमें वह लुंगी पहनकर भागता दिख रहा है और सादे कपड़े पहने पुलिसकर्मी हाथों में लाठियां लिए उसका पीछा करते दिख रहे हैं। बिट्टू बजरंगी के घर के पास के सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि कैसे सादे कपड़ों में पुलिस ने गौरक्षकों का पीछा किया।

इस कार्रवाई के दौरान कम से कम 15-20 पुलिसकर्मियों ने लुंगी पहने हुए गौरक्षकों का पीछा किया और कुछ देर पीछा करने के बाद पुलिस ने बिट्टू बजरंगी को पकड़ लिया। इस फिल्मी घटना को देखकर स्थानीय लोग और गौरक्षक आश्चर्यचकित नजर आए।

यात्रा में शामिल था बिट्टू

मामला ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा के दौरान कानून व्यवस्था संभाल रही नूंह की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऊषा कुंडू के बयान पर दर्ज किया गया है। एएसपी ने अपने बयान में बताया कि नल्हड़ स्थित शिव मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए जा रही यात्रा में बिट्टू शामिल था। उसके साथ करीब बीस लोग पलवल की ओर से आए और त्रिशूल तथा तलवार हाथ में लेकर आपत्तिजनक नारे लगाने लगे।

एएसपी ने शांति व्यवस्था बनाए रखने को कहा तो पुलिस के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। इसी बीच पुलिस कर्मियों सभी से त्रिशूल और तलवार लेकर पुलिस की गाड़ी में रखवा दी जिसे कुछ देर बाद बिट्टू और उसके साथ के लोगों ने लूट लिया। पुलिसकर्मियों ने रोका तो पुलिस के वाहनों के बागे बैठ गए। उन्हें हटाया गया तो पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई की।

फरीदाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर थाने से दी थी जमानत

31 जुलाई को ब्रजमंडल धार्मिक यात्रा के लिए रवाना होने से पहले फरीदाबाद से चलते वक्त बिट्टू बजरंगी ने आपत्तिजनक बयान दिया था। उसने कहा था, “आ रहा हूं नल्हड़ मंदिर स्वागत के लिए तैयार हो जा जाओ, अपने जीजा का फूल माला से स्वागत नहीं करोगे। ससुराल में तो स्वागत किया जाता है।“

यह बयान सोशल मीडिया पर यात्रा आरंभ होने के पहले ही तेजी से वायरल हुआ। मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों सहित नूंह से कांग्रेस के विधायक तथा पुन्हाना से कांग्रेस के विधायक मोहम्मद इलियास ने हिंसा होने की वजह बिट्टू बजरंगी तथा मोनू मानेसर के भड़काऊ वीडियो बताई थी।

तीन अगस्त को बिट्टू को क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 ने गिरफ्तार कर लिया था। भड़काऊ टिप्पणी के लिए बिट्टू के खिलाफ डबुआ थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। उसी दिन उसे थाने से ही जमानत मिल गई थी।

उसी दिन क्यों नहीं किया नूंह पुलिस ने गिरफ्तार?

सवाल यह उठ रहा कि जब फरीदाबाद पुलिस से बिट्टू बजरंगी को गिरफ्तार किया तो नूंह पुलिस ने उसी दिन क्यों नहीं गिरफ्तार किया? पुलिस को अदालत में रिमांड पर लेने की अर्जी देनी चाहिए थी। आरोपित उसके बाद चैनलों के स्टूडियों में बैठकर बयान देता रहा।

इस सवाल के उत्तर में नूंह के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा हिंसा के बाद बिगड़ी कानून व्यवस्था पटरी पर लाना सरकार की पहली प्राथमिकता थी। जांच की गई सीसीटीवी फुटेज के रूप में सबूत जुटा आरोपित की पहचान कर 15 अगस्त को उसे गिरफ्तार किया गया।

उधर, बिट्टू बजरंगी का कहना था कि हमने बयान दिया, उसके एक घंटे बाद ही यात्रा में शामिल लोगों ने गोली तथा पत्थर चलाने शुरू कर दिया। यात्रा में तलवार पहली बार लेकर नहीं गए थे। कोई अवैध हथियार नहीं थे। हिंसा के लिए तो एक माह पहले ही तैयारी कर ली गई थी।

दूसरे प्रदेशों से आए मुस्लिम युवकों अवैध हथियार, पेट्रोल बम तथा पत्थर छत पर जमा कर लिए थे। हमारे ऊपर लगाए गए आरोप गलत हैं। हमारा गला पकड़ कर घर से लाया गया जैसे हमने दो चार लोगों का कत्ल कर दिया हो।

कौन है बिट्टू बजरंगी?

फरीदाबाद के प्रमुख गौरक्षक बिट्टू बजरंगी का असली नाम राजकुमार है। वह बजरंग दल का कार्यकर्ता है। इसके साथ-साथ बिट्टू बजरंगी गौरक्षा बजरंग फोर्स का फरीदाबाद प्रमुख है।

31 जुलाई को बजरंग दल के कार्यक्रम (बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा) में हुई हिंसक झड़प मामले में बिट्टू पर धारदार हथियार लेकर भड़काऊ बयान देने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप है। इसी मामले में उसे मंगलवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया है। नूंह हिंसा मामले में बिट्टू बजरंगी की गिरफ्तारी पहली बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ समेत पूरे प्रदेश में तैनात होंगे “डिजिटल वॉरियर्स”

Published

on

Loading

प्रयागराज/लखनऊ। महाकुम्भ 2025 में फेक न्यूज के खिलाफ अभियान चलाने, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन प्लेटफार्म पर प्रसारित करने के लिए “डिजिटल वॉरियर्स” को तैनात किया गया है। इसके लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स एवं कॉलेज के छात्रों को जोड़ा गया है। इस अभिनव पहल की सफलता को देखते हुए अब पुलिस महानिदेशक ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए समस्त विभागाध्यक्षों और कार्यालयाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं।

मिले सार्थक परिणाम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशा पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा वर्ष 2018 में एक सार्थक पहल करते हुए व्हाट्सएप पर सक्रिय समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को डिजिटल वालंटियर्स के रूप मे जोड़ा गया था। वर्ष 2023 में यूपी पुलिस के समस्त पुलिसकर्मियों को जोड़कर “व्हाट्सएप कम्यूनिटी ग्रुप” भी बनाए गए है, जिनकी सहायता से भ्रामक खबरों का खण्डन एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 10 लाख व्यक्ति डिजिटल वालंटियर्स के रूप में एवं लगभग 02 लाख पुलिसकर्मी कम्यूनिटी ग्रुप के माध्यम से जुड़े हुए है। इन डिजिटल वालंटियर्स के रूप में गांव, मोहल्ले और स्थानीय कस्बे के लोगों को जोड़ा गया था, जिसके सार्थक परिणाम प्राप्त हुए है। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार द्वारा इसी दिशा में नवीन पहल करते हुए फेक न्यूज के खण्डन, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित किए जाने के लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स एवं कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को यूपी पुलिस का “डिजिटल वॉरियर” बनाए जाने के सम्बन्ध मे प्रदेश के समस्त विभागाध्यक्ष और कार्यालयाध्यक्ष को महत्त्वपूर्ण निर्देश दिए गए है ।

लोगों को करेंगे जागरूक

कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रशिक्षित करने से इनमे आलोचनात्मक सोच को विकसित किया जा सकता है, जिससे वह किसी भी जानकारी का विश्लेषण और सत्यापन करके यूपी पुलिस के “डिजिटल वॉरियर” बनकर, साइबर क्राइम एवं फेक न्यूज़ को रिपोर्ट कर सकेंगे। साथ ही यह छात्र अपने सामाजिक दायरे में फेक न्यूज एवं साइबर अपराध के प्रति अपने परिवारीजनों एवं मित्रों को भी जागरूक कर सकेंगे ।

04 श्रेणियों में होगा चयन

1- फेक न्यूज के खण्डन एवं साइबर अपराध के प्रति सचेत करने हेतु
2- साइबर अपराध के प्रति जागरुकता हेतु
3- साइबर ट्रेनर के रूप मे
4- पुलिस के अभियानों/सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार

ऐसे किया जाएगा ट्रेन्ड

इन डिजिटल वॉरियर एवं स्कूल के छात्रों को फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम की पहचान करने और इसके दुष्प्रभावों के प्रति प्रशिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालयों/डिग्री कॉलेजों, स्कूलों में अथवा पुलिस लाइन्स में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।

इन कार्यशालाओं में साइबर क्राइम विशेषज्ञों/ फैक्ट चेकर्स, साइबर ट्रेनर और जनपदीय साइबर थाना/ साइबर सेल को शामिल किया जाएगा, जो तकनीकी ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव साझा करेंगे।

जनपदीय पुलिस अधिकारियों द्वारा सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालय प्रबन्धन से आग्रह करके ‘साइबर क्लब’ स्थापित करवाये जाएंगे एवं एक शिक्षक को इसका नोडल अधिकारी नामित करवाया जाएगा ।

इस कार्य में शिक्षा विभाग एवं जनपद में प्रशासन से भी सहयोग प्राप्त किया जाएगा।

साइबर क्लब के माध्यम से कार्यशालाएं और रचनात्मक सत्र जैसे पोस्टर बनाना, स्लोगन/लघु कहानियां लिखना, सोशल मीडिया हेतु क्रिएटिव एवं वीडियो कंटेंट बनाना इत्यादि गतिविधियां कराई जाएंगी।

कमिश्नरेट, जनपद स्तर, मुख्यालय स्तर से होगी कार्यवाही

1. डिजिटल वॉरियर का चयन करना : डिजिटल वॉरियर के रूप में केवल ऐसे व्यक्ति शामिल किए जाएंगे, जिनकी छवि स्वच्छ हो और जो विवादास्पद या नकारात्मक गतिविधियों में शामिल न हों। इस कार्य मे इच्छुक उत्तर प्रदेश के बाहर के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को भी सम्मिलित किया जा सकता है। ऐसे समस्त डिजिटल वॉरियर को परिपत्र के साथ संलग्न फ़ॉर्म को भरकर देना होगा, जिसका गूगल लिंक भी उपलब्ध कराया जा रहा है ।

2. स्वैच्छिक सहयोग और उपक्रम (अंडरटेकिंग) लिया जाना : डिजिटल वॉरियर को चयनित करने से पूर्व उनसे संलग्न फॉर्म के माध्यम से लिखित उपक्रम लिया जाएगा, जिसमें वे यह आश्वस्त करेंगे कि वह पुलिस का सहयोग कर फेक न्यूज़ का खंडन करेंगे, किसी भी प्रकार की फेक न्यूज़ का प्रसार नहीं करेंगे, किसी भी साइबर अपराध में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से सम्मिलित नहीं होंगे, किसी विवादास्पद सामग्री को पोस्ट नहीं करेंगे और भारतीय कानून के अधीन रहकर कार्य करेंगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका सहयोग स्वैच्छिक होगा और उनकी सहमति के आधार पर होगा। यह सभी कार्य पूर्णतया अवैतनिक होगें।

3. डिजिटल वॉरियर के कार्यों का मासिक विवरण: डिजिटल वॉरियर द्वारा चिन्हित की गई फेक न्यूज, पुलिस के सराहनीय कार्यों व योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं पुलिस द्वारा किए गए खण्डन के व्यापक प्रसार का मासिक विवरण भी संकलित किया जायेगा।

4. नोडल अधिकारी की नियुक्ति: प्रत्येक जनपद में एसपी अपराध/नोडल एसपी क्राइम/डीसीपी क्राइम/ एडीसीपी क्राइम को इस कार्य एवं सोशल मीडिया अभियानों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा ।

5. डिजिटल वॉरियर द्वारा दायित्वों का पालन: कार्य में रुचि न रखने वाले, अपने दायित्वों का दुरुपयोग करने अथवा स्वयं घोषणा पत्र मे उल्लिखित शर्तों का उल्लंघन करने वाले डिजिटल वॉरियर से यूपी पुलिस किसी प्रकार का कार्य नहीं लेगी।

6. डिजिटल वॉरियर का प्रोत्साहन: डिजिटल वॉरियर द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के आधार पर प्रतिबद्धता से कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर के गुणवत्तापूर्ण सोशल मीडिया कंटेन्ट को जनपदीय सरकारी सोशल मीडिया पर प्रयोग करने के साथ-साथ उनको प्रशस्ति पत्र एवं मेमेंटों इत्यादि देकर प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा । पुलिस मुख्यालय द्वारा भी इस दिशा मे उत्कृष्ट कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर को समीक्षोपरांत प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा ।

फेक न्यूज के खिलाफ बनेंगे मजबूत दीवार

उल्लेखनीय है कि फेक न्यूज एवं साइबर क्राइम के खिलाफ जागरूकता अभियान हेतु आयोजित कार्यशालाओं में स्कूल के छात्रों को भी सम्मिलित किया जाएगा परन्तु ‘डिजिटल वॉरियर’ के रूप मे सिर्फ कॉलेज/ विश्वविद्यालयों के छात्रों एवं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का चयन किया जाएगा ।

जनपद एवं मुख्यालय स्तर पर ‘डिजिटल वॉरियर’ का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा और पूर्ण प्रशिक्षण के उपरांत यूपी पुलिस के ‘डिजिटल वॉरियर’ फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम के खिलाफ एक मजबूत दीवार के रूप में कार्य करेंगे।

Continue Reading

Trending