Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

मिशन 80 के लिए भाजपा ने बनाया SWOT प्लान, हर सीट हर बूथ पर होगी नजर

Published

on

BJP made SWOT plan for Mission 80

Loading

नई दिल्ली/लखनऊ। लोकसभा चुनाव-2024 के लिए भाजपा की उत्तर प्रदेश पर खास नजर है। प्रदेश की 80 सीटों के लिए पार्टी SWOT प्लानिंग में जुटी है। हर सीट के साथ ही उसके तहत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों के हिसाब से प्लान तैयार हो रहा है। वहीं हर लोकसभा सीट के हिसाब से वहां पार्टी की ताकत, कमजोरी, अवसर और खतरों को इस प्लान में शामिल किया गया है।

इसी आधार पर भाजपा हर सीट पर चुनावी तैयारियों का खाका खींचेगी। पार्टी का प्रयास है कि आगामी 2024 लोकसभा चुनाव में उप्र की सभी सीटों पर कब्जा किया जाएगा, इसको लेकर संगठन में तेजी से कार्य चल रहा है।

क्या है भाजपा का SWOT प्लान

भाजपा एक ओर महाजनसंपर्क अभियान के जरिए विभिन्न वर्गों में अपनी पैठ बढ़ाने का प्रयास कर रही है। वहीं दूसरी ओर SWOT-स्वॉट (Strength, Weakness, Opportunity and Threat) रणनीति तैयार की जा रही है। इसी प्लान के जरिए पार्टी अपनी ताकत और कमजोरी का आंकलन करेगी ताकि समय रहते खतरों को भांपते हुए कमजोरियों को दूर किया जा सके। विपक्षी दलों के एका की चर्चाओं के बीच भाजपा चुपचाप अपनी रणनीति को अमलीजामा पहनाने और आगे का रोडमैप तैयार करने में जुटी है। काफी हद तक इस काम को पूरा भी कर लिया गया है।

2017 व 2022 के चुनाव में क्या रही भाजपा की स्थिति

स्वॉट रणनीति के तहत हर सीट पर यह देखा जा रहा है कि वहां पार्टी की ताकत क्या है? मसलन, कार्यकर्ताओं की फौज, बूथ स्तरीय संगठन, संघ और अन्य सहयोगी संगठन। कमजोरी के तहत यह आंकलन किया जा रहा है कि मौजूदा सांसद या पिछली बार के प्रत्याशी की क्षेत्र में क्या स्थिति है। कार्यकर्ताओं के बीच उसकी छवि कैसी है।

वहीं उस लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की क्या स्थिति है। इसमें 2017और 2022 के विधानसभा चुनाव के नतीजों को शामिल किया गया है। आपको बता दें कि आजमगढ़ लोकसभा सीट भाजपा ने उपचुनाव तो जीत ली लेकिन वहां पार्टी का विधायक एक भी नहीं है जबकि 2017 में एक विधायक था।

किस रणनीति के तहत किया जा रहा कार्य

दूसरे दलों के कौन से मजबूत चेहरे हैं, जिन्हें साथ जोड़ा जा सकता है। किन लोगों का सामाजिक दृष्टि से क्षेत्र में प्रभाव है। उन्हें चिन्हित किया जाए। इसके साथ ही सीटवार यह भी देखा जा रहा है कि वहां चुनौतियां क्या हैं। कौन सा दल या नेता पार्टी के लिए थ्रैट हो सकता है। इलाकेवार मजबूत सहयोगियों को साथ जोड़ने की मुहिम भी इसी प्लान का हिस्सा है। पार्टी आने वाले दिनों में इसी प्लान के हिसाब से तय रणनाति पर आगे बढ़ेगी।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

Published

on

Loading

लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

Continue Reading

Trending