प्रादेशिक
बीजेपी ने धर्मेंद्र प्रधान को बनाया यूपी चुनाव प्रभारी, यूपी समेत 5 राज्यों के प्रभारियों का किया ऐलान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश मे 2022 मे होने वाले विधानसभा चुनावों के नज़दीक आते ही सभी पार्टियों की चुनावी तैयारियां ज़ोर पकड़ रही हैं। सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है जिसके मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को उत्तरप्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनाव प्रभारियों के नामों का एलान कर दिया है। इन राज्यों में उत्तराखंड,गोवा,पंजाब और मंडीपुर भी शामिल हैं।
बीजेपी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को यूपी का प्रभारी बनाया है। उनके साथ 7 सह-प्रभारी व 6 संगठन प्रभारी भी बनाये गए हैं। बता दें कि धर्मेंद्र प्रधान के साथ भाजपा ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सरोज पांडे,अर्जुन राम मेघवाल, शोभा करंदलाजे, विवेक ठाकुर, कैप्टन अभिमन्यु और अन्नपूर्णा देवी को सह प्रभारी नियुक्त किया है।
उत्तराखंड के चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी को बनाया गया है। साथ ही सह-प्रभारी लोकसभा सांसद लॉकेट चटर्जी, व राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आर पी सिंह होंगे। बता दें कि मणिपुर मे प्रभारी का पद पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को मिला जबकि जलशक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत पंजाब के प्रभारी बनाये गए। साथ ही महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को गोवा का प्रभारी चुना गया है। 2022 के चुनाव मे बीजेपी उत्तर प्रदेश पे ख़ास ध्यान दे रही है, इसी के चलते धर्मेंद्र प्रधान को यूपी का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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