अन्तर्राष्ट्रीय
भारत में फंसे कनाडाई पीएम अपने ही देश की मीडिया में घिरे, विपक्षी बोले- हालात अपमानजनक
नई दिल्ली। खालिस्तानी मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचनाओं का सामना कर रहे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को नई दिल्ली में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में नजरअंदाज किए जाने के बाद अब घरेलू स्तर पर भी तीखी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है।
रविवार को कनाडा के प्रमुख अखबार टोरंटो सन ने ‘दिस वे आउट’ शीर्षक के साथ पहले पन्ने पर वह तस्वीर प्रकाशित की है, जिसमें मोदी ने पारंपरिक रूप से हाथ मिलाने के बाद ट्रूडो को आगे बढ़ने का इशारा किया था। अखबार ने कहा कि ट्रूडो को अहसास हुआ कि भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन में उनके कुछ ही दोस्त हैं।
भारत पहुंच रहा विमान भी किया गया डायवर्ट
विमान खराब होने के बाद भारत में फंसे कनाडाई पीएम को वापस ले जाने के लिए आने वाला वैकल्पिक विमान भी डायवर्ट कर दिया गया है। सीबीसी न्यूज की खबर के अनुसार कनाडा से आ रहे ट्रूडो के वैकल्पिक विमान को भी लंदन डायवर्ट कर दिया गया जिससे उनकी स्वदेश वापसी में और देरी होने की आशंका बढ़ गई है।
रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली जाने के लिए रोम से होकर जा रहे विमान को लंदन की ओर मोड़ दिया गया। कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय ने सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि विमान मंगलवार सुबह (स्थानीय समयानुसार) लंदन से रवाना होगा।
रात्रिभोज में भी नहीं शामिल हुए थे ट्रूडो
इसी अखबार की एक अन्य रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया था कि ट्रूडो एक रात पहले भारत की ओर से दिए गए रात्रिभोज में शामिल नहीं हुए थे और प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह बताने से इनकार कर दिया था कि ऐसा क्यों हुआ? इसमें कहा गया है कि ट्रूडो ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस के लॉन्चिग में भी शामिल नहीं हुए जो स्वच्छ, हरित ईंधन को रोल आउट करने पर प्रगति करने के लिए हुई एक साझेदारी है। समाचार रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “ट्रूडो ने कहा था कि उनके पास अन्य काम हैं।”
वहीं दूसरी ओर, लौटने के दौरान ट्रूडो का विमान भी उड़ान भरने में विफल रहा, जिससे कनाडाई प्रतिनिधिमंडल 24 घंटे से अधिक समय तक दिल्ली में फंसा रहा। अब खबरें आ रही हैं कि एक वैकल्पिक विमान ट्रूडों को वापस कनाडा ले जाने के लिए भारत आ रहा है।
कनाडा के विपक्षी नेता ने भी जस्टिन ट्रूडो को घेरा
कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोइलीवरे ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर टोरंटो सन फ्रंट पेज पोस्ट किया और कहा, “पक्षपात को एक तरफ रखते हुए, कोई भी यह देखना पसंद नहीं करता कि कनाडा के प्रधानमंत्री को बाकी दुनिया द्वारा बार-बार अपमानित किया जाए और रौंदा जाए। यह स्थिति अपमानजनक है।”
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि कैसे ट्रूडो को उनके अनुरोध के बावजूद भारत की ओर से द्विपक्षीय बैठक करने की अनुमति नहीं दी गई थी और उन्होंने केवल भारतीय प्रधानमंत्री के साथ बातचीत का मौका मिला। रॉयटर्स और ब्लूमबर्ग जैसी विदेशी समाचार एजेंसियों ने बताया कि ट्रूडो को उनकी बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से अलोचनात्मक प्रतिक्रिया मिली, जिसे कनाडाई समाचार पत्रों ने भी प्रकाशित किया।
खालिस्तानी मुद्दे पर राजनयिक संबंधों में तनाव
कनाडा के प्रधानमंत्री के भारत पहुंचने के बाद मोदी ने अन्य नेताओं की तरह कोई ‘स्वागत नोट’ भी पोस्ट नहीं किया। माना जा रहा है कि खालिस्तानी मुद्दे पर भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में तनाव के बाद ऐसा हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रूडो के साथ अपनी बैठक में कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें स्पष्ट शब्दों में कहा कि कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियां जारी रहना ‘कड़ी चिंता’ का विषय है। कनाडा का कहना है कि वह भारतीय प्रवासियों द्वारा अपने क्षेत्र में ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन’ के अधिकार की रक्षा करेगा।
कनाडा के प्रधानमंत्री ने बाद में कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात के दौरान ‘कनाडा के मामलों में भारत के हस्तक्षेप’ का मुद्दा उठाया। भारतीय बयान में कहा गया है कि मोदी ने कनाडा में चरमपंथी तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियों को जारी रखने के बारे में भारत की गंभीर चिंताओं से उन्हें अवगत कराया।
भारत के बयान में कहा गया है, “वे अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं, राजनयिक परिसरों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है और कनाडा में भारतीय समुदाय और उनके पूजा स्थलों को नुकसान पहुचाने की धमकी दी जा रही है।
अन्तर्राष्ट्रीय
नाइजीरिया में पीएम मोदी का भव्य स्वागत, लोगों ने लगाए ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में रविवार सुबह नाइजीरिया पहुंचे। नाइजीरिया की राजधानी अबुजा में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। अबुजा हवाई अड्डे पर बड़ी तादाद में भारतीय समुदाय के लोग पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए पहुंचे थे। लोगों ने इस मौके पर ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारा लगाए।
बता दें कि 17 सालों में इस पश्चिमी अफ्रीकी देश में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा है। पीएम मोदी के अबुजा पहुंचने पर संघीय राजधानी क्षेत्र के मंत्री न्येसोम एजेनवो वाइक ने उनका जोरदार स्वागत किया। साथ ही प्रतीकात्मक रूप से अबुजा के शहर की चाभी भेंट की।
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रपति टीनूबू के उस पोस्ट का जवाब दिया जिसमें लिखा था, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाइजीरिया की पहली यात्रा पर उनका स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं, जो 2007 के बाद से किसी भारतीय प्रधान मंत्री की हमारे प्रिय देश की पहली यात्रा भी है। हमारी द्विपक्षीय चर्चाओं में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। पीएम मोदी नाइजीरिया में आपका स्वागत है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए पोस्ट में लिखा, ‘धन्यवाद, राष्ट्रपति टीनूबू। कुछ समय पहले नाइजीरिया में लैंड किया। गर्मजोशी से स्वागत के लिए आभारी हूं। यह यात्रा हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय मित्रता को और गहरा करेगी।’
रक्षा क्षेत्र में भारत के साथ व्यापार करना चाहता है नाइजीरिया
पीएम मोदी के इस यात्रा के दौरान के भारत और नाइजीरिया के बीच स्थापित रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। रक्षा क्षेत्र को लेकर भी दोनों देशों के बीच विस्तृत चर्चा होने की उम्मीद है। नाइजीरिया छोटे हथियारों, गोला-बारूद और बख्तरबंद वाहनों जैसे क्षेत्रों में साझेदारी के लिए भारत की तरफ काफी उत्सुक है।
आर्थिक दृष्टिकोण से सबसे संपन्न अफ्रीकी देशों में से एक नाइजीरिया और भारत के मधुर रिश्तों में आने वाले दिनों में गर्माहट और तेज होने के आसार है। खासतौर पर दोनों देशों के बीच आर्थिक व सैन्य सहयोग के नए युग की शुरुआत होने के संकेत है।
इन देशों की यात्रा पर रहेंगे पीएम मोदी
बता दें कि पीएम मोदी की पश्चिमी अफ्रीकी क्षेत्र की यह पहली यात्रा है। इसके अलावा वह ब्राजील और गुयाना की यात्रा पर रहेंगे। नाइजीरिया के बाद प्रधानमंत्री ब्राजील के लिए रवाना होंगे। दरअसल, पीएम मोदी ब्राजील में ट्रोइका सदस्य के तौर पर 19वें जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। फिर पीएम मोदी 18 और 19 नवंबर को रियो डी जेनेरियो में होने वाले शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ भाग लेंगे। बताते चलें कि ब्राजील और दक्षित अफ्रीका के साथ भारत भी जी20 ट्रोइका का हिस्सा है।
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