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Cash for query: महुआ मोइत्रा का बड़ा कबूलनामा- हीरानंदानी को लॉगिन-पासवर्ड दिया था, पर…

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Nishikant Dubey Mahua Moitra

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा के बीच तकरार थमने का नाम नहीं ले रही है। दोनों एक दूसरे पर वार- पलटवार कर रहे हैं। इस बीच, लोकसभा सांसद मोइत्रा ने एक इंटरव्यू में कबूल किया है कि उन्होंने दर्शन हीरानंदानी को अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड दिया था। हालांकि उन्होंने cash for query मामले में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।

उन्होंने कहा कि आरोप को कोई भी लगा सकता है, लेकिन उसको साबित करने की जिम्मेदारी हमेशा शिकायतकर्ता की होती है। मोइत्रा ने कहा कि उन्होंने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी को अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड दिया था क्योंकि ऐसा कोई नियम नहीं है कि किसके पास लॉगिन हो सकता है, कौन कर सकता है और कौन नहीं।

उन्होंने आगे कहा कि कोई भी सांसद खुद सवाल नहीं पूछता है। लॉगिन और पासवर्ड उनकी टीम के पास रहते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन एक ओटीपी आता है, जो केवल मेरे फोन पर आता है। यह दर्शन के फोन पर नहीं जाता है।

सिर्फ पासवर्ड से लॉगिन नहीं कर सकते

महुआ मोइत्रा ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘पासवर्ड से सिर्फ लॉगिन नहीं किया जा सकता है। उसके लिए एक ओटीपी आता है और यह केवल मेरे फोन पर आता है। यह दर्शन हीरानंदानी के फोन पर नहीं जाता है। जब मैं ओटीपी देती हूं, तभी प्रश्न दायर किए जाते हैं।’

झारखंडी पिटबुल नहीं रोक सकते मुझे

महुआ मोइत्रा ने कहा, ‘उन्होंने धमकाने के लिए गलत व्यक्ति को चुना है। उन्होंने सच में ऐसा किया है। मैंने यहां बैठने के लिए अपने जीवन में सब कुछ छोड़ दिया है। कुछ छोटे झारखंडी पिटबुल सबकुछ खत्म नहीं कर सकते हैं। मैं सच के लिए लड़ना जारी रखूंगी और आप देखेंगे कि 2024 में क्या होता है।’

भारतीय नागरिक हैं हीरानंदानी

महुआ मोइत्रा ने कहा कि यह आरोप बड़ा ही हास्यास्पद है कि दर्शन हीरानंदानी ने दुबई से लॉग इन किया और यह सुरक्षा से समझौता है। उन्होंने कहा, ‘NIC लॉगिन में कोई नियम नहीं है कि कौन लॉगिन कर सकता है या नहीं। हर सांसद के प्रश्न उनकी बड़ी टीमों को दिए जाते हैं। आप कह रहे हैं कि मैंने इसे एक विदेशी संस्था को दे दिया है। दर्शन हीरानंदानी एक मित्र हैं और एक भारतीय नागरिक हैं। उनका पासपोर्ट सार्वजनिक कर दिया गया है।’

मेरी बहन के बच्चे ने भी कैम्ब्रिज से लॉगिन किया

मोइत्रा ने कहा, ‘मैंने खुद स्विट्जरलैंड से लॉगिन किया है। मेरी बहन के बच्चे ने भी कैम्ब्रिज से लॉगिन किया है और मेरे प्रश्न टाइप किए हैं। अगर NIC का प्रश्न-उत्तर पोर्टल इतना सुरक्षित है, तो आप आईपी पते को इसमें प्रवेश करने से क्यों नहीं रोकते? उन्होंने कहा कि दर्शन हीरानंदानी को उनसे सवाल पूछने की जरूरत नहीं है। हर सवाल RTI के लिए सक्षम है।’

उन्होंने कहा, ‘मैंने दर्शन से कहा कि वह अपने कार्यालय से कुछ सहायकों को सवाल पूछने के लिए दें। क्योंकि मेरे पास इतना समय नहीं था कि मैं लिख पाती लेकिन यह आरोप कि हीरानंदानी ने लॉगिन करके सवाल दायर किए, यह गलत है क्योंकि ओटीपी मेरे मोबाइल नंबर पर आता है। हर सवाल मेरे द्वारा लिखा गया है और मैं उन लोगों में से एक हूं जो अपना काम करते हैं। यही कारण है कि केवल 61 सवाल ही हैं।’

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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल

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बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।

180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए

दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।

ये रिकॉर्ड टूटे

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक

एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स

⁠एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया

 

 

 

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