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पंजाब

चंडीगढ़ मेयर चुनाव: मनोज सोनकर फिलहाल बने रहेंगे मेयर, HC ने प्रशासन से तीन सप्ताह में मांगा जवाब

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Chandigarh Mayor Election

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चंडीगढ़। चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर दाखिल याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को फिलहाल किसी भी तत्काल राहत से इनकार कर दिया है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के मेयर पद के दावेदार कुलदीप कुमार की याचिका पर हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

बुधवार को याचिका पर सुनवाई आरंभ होते ही याची पक्ष की तरफ से कहा गया कि चुनाव में जिस तरह से पीठासीन अधिकारी ने वोटों की गिनती के समय धांधली की है उसे पूरे देश ने देखा है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। याची पक्ष ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए हाईकोर्ट से दखल देने की अपील की।

चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से इस मामले में पक्ष रखने के लिए चार सप्ताह की मोहलत मांगी गई। हाईकोर्ट ने प्रशासन को तीन सप्ताह का समय देते हुए सुनवाई टाल दी।

याची पक्ष की ओर से अपील की गई कि याचिका लंबित रहते मनोज सोनकर के मेयर के तौर पर कार्य करने पर रोक लगाई जाए लेकिन हाई कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन का जवाब आने के बाद ही किसी अंतरिम राहत पर आदेश जारी किया जाएगा।

प्रशासन की ओर से दलील दी गई कि यह याचिका वैध ही नहीं है क्योंकि याची के पास फिलहाल अन्य विकल्प उपलब्ध है। चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए मेयर पद के लिए कांग्रेस-आप के प्रत्याशी कुलदीप कुमार ने चुनाव को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

याचिका में बताया गया था कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव तय हुए थे। तय कार्यक्रम के तहत मंगलवार को चुनाव भी हुआ, लेकिन मेयर चुनाव में कांग्रेस-आप के 20 में से 8 वोट अवैध करार दे दिए गए, जिसके चलते भाजपा का उम्मीदवार मेयर चुन लिया गया।

याचिका में आरोप लगाया कि वोटों की गिनती के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने मतपत्रों से छेड़छाड़ की थी जिसके चलते उनके वोट अवैध करार दिए गए।

कुलदीप कुमार की तरफ से सीनियर एडवोकेट गुरमिंदर सिंह ने दोपहर सवा दो बजे हाईकोर्ट से आग्रह किया कि उनकी इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाए और इस चुनाव का रिकॉर्ड सील किया जाए क्योंकि यह सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या है। हाईकोर्ट ने याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इन्कार कर बुधवार सुबह सुनवाई करना तय किया है।

याचिका में बताया गया कि हाईकोर्ट में चंडीगढ़ के डीजीपी ने पारदर्शी चुनाव करवाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई थी बावजूद इसके चुनाव निष्पक्ष नहीं हुए। बीजेपी के प्रत्याशी को जिताने के लिए आप-कांग्रेस गठबंधन के वोटों के साथ छेड़छाड़ हुई। ऐसे में हाईकोर्ट से अपील की गई कि इस धांधली भरी चुनावी प्रक्रिया को रद्द करते हुए नए सिरे से चुनाव करवाने का निर्देश दिया जाए।

चुनाव हाईकोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में करवाया जाए ताकि इसकी निष्पक्षता बरकरार रहे। चुनावी प्रक्रिया के दौरान जो धांधली हुई है इसकी जांच के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एसआईटी गठित की जाए और चुनाव से जुड़ा पूरा रिकार्ड सील किया जाए।

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पंजाब

गणतंत्र दिवस को लेकर सीएम भगवंत मान ने अधिकारियों को दिए निर्देश

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पंजाब। गणतंत्र दिवस को लेकर कमिश्नरेट पुलिस ने शहर के चार मुख्य स्थलों पर स्पेशल नाके लगाए। यह नाकाबंदी शाम 6 बजे से लेकर रात 9 बजे तक की गई। इन नाकों पर पुलिस ने गाड़ियों से लेकर लोगों के सामान की भी तलाशी ली।

ए.डी.सी.पी. ट्रैफिक अमनदीप कौर ने बताया कि ई.आर.एस. की टीमों ने एम.बी.डी. मॉल, क्यूरो मॉल, वडाला चौक और पठानकोट चौक पर स्पैशल नाके लगाए थे। इस नाकाबंदी पर पुलिस ने वाहनों के दस्तावेजों से लेकर गाड़ियों की तलाशी ली तथा लोगों के सामान की चैकिंग भी की। हाल ही में डी.जी.पी. गौरव यादव ने पंजाब भर में गणतंत्र दिवस को लेकर दिन रात पैट्रोलिंग और चैकिंग करने के आदेश दिए थे ताकि कोई आपराधिक छवि वाला व्यक्ति किसी अप्रिय घटना को अंजाम न दे सके।

पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में भी स्थान बदल बदल कर स्पैशल नाकेबंदी की जाएगी। पुलिस ने लोगों से अपील की कि अगर कोई व्यक्ति संदिग्ध लगता है तो उसकी जानकारी पुलिस को दी जाए। सूचना देने वाले लोगों की पहचान सार्वजिनक नहीं होने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशानुसार गणतंत्र दिवस-2025 के शांतिपूर्ण कार्यक्रमों को यकीनी बनाने के लिए डी.जी.पी. गौरव यादव ने पूरे राज्य में सुरक्षा उपाय बढ़ाने, पुलिस की मौजूदगी बढ़ाने और रात्रिकालीन अभियान तेज करने के आदेश जारी किए हैं।

डी.जी.पी. ने विशेष डी.जी.पी. आंतरिक सुरक्षा आर.एन. ढोके, ए.डी.जी.पी. एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ए.एन.टी.एफ.) नीलाभ किशोर और ए.डी.जी.पी. एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) प्रमोद बान के साथ अमृतसर और जालंधर का दौरा किया और कमिश्नरेट-अमृतसर और जालंधर और पुलिस रेंज-बॉर्डर, जालंधर और लुधियाना के अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता की। उन्होंने चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियानों, मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई और संगठित अपराध के खिलाफ कार्रवाई की भी समीक्षा की।

 

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