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नेशनल

भारतीय बैकिंग सेक्टर में हुआ बदलाव एक केस स्टडी, RBI के 90 साल पूरे होने पर बोले पीएम मोदी

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने आज 90 साल पूरे कर लिए। आरबीआई के 90 साल पूरे होने पर मुंबई में एक समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी भी शामिल हुए। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि एक दशक पहले बैंकिंग सेक्टर गहरे तनाव में था। लेकिन अब बैंकिंग सिस्टम फायदे में हैं और रिकॉर्ड लेवल पर लोन मुहैया करा रहा है। भारतीय बैकिंग सेक्टर में हुए बदलाव एक केस स्टडी है। सरकारी बैंकों में केंद्र सरकार ने 3.5 लाख करोड़ रुपये लगाएं ताकि उन बैंकों को दोबारा से जागृत किया जा सके। यूपीआई को अब दुनियाभर में पहचान मिल रहा है। आरबीआई भी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पर काम कर रहा है। सुगम बैंकिंग और आसानी से लोन मुहैया हो सके, पीएम मोदी ने इसपर भी जोर दिया। वहीं आरबीआई की मॉनिट्री पॉलिसी कमेटी को लेकर उन्होंने कहगा कि महंगाई के टारगेट को लेकर उन्होंने बढ़िया काम किया है।

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 सालों में जो भी हुआ, वह मात्र एक ट्रेलर था। देश को अभी और आगे लेकर जाना है और अभी बहुत कुछ करना बाकी है। उन्होंने कहा कि इस समय जो लोग आरबीआई से जुड़े हैं, उन्हें मैं बहुत सौभाग्यशाली मानता हूं। आज आप जो नीतियां बनाएंगे, जो काम करेंगे उनसे आरबीआई के अगले दशक की दिशा तय होगी। ये दशक इस संस्थान को उसके शताब्दी वर्ष तक ले जाने वाला दशक है और ये दशक विकसित भारत की संकल्प यात्रा के लिए भी उतना ही अहम है।

पीएम मोदी ने अपने संबोधित में कहा, ‘मैं जब 2014 में रिजर्व बैंक के ‘अस्सी-वें’ वर्ष के कार्यक्रम में आया था, तब हालात एकदम अलग थे। भारत का पूरा बैंकिंग सेक्टर समस्याओं और चुनौतियों से जूझ रहा था। NPA को लेकर भारत के बैंकिंग सिस्टम की stability और उसके भविष्य को लेकर हर कोई आशंका से भरा हुआ था। आज देखिए आज भारत के बैंकिंग सिस्टम को दुनिया में एक मजबूत और सतत सिस्टम माना जा रहा है। जो बैंकिंग सिस्टम कभी डूबने की कगार पर था, वो बैंकिंग सिस्टम अब प्रॉफिट में आ गया है और लोन देने में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है।

नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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