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प्रादेशिक

छत्तीसगढ़ः पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, 44 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

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नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के समक्ष सुकमा में नौ महिलाओं समेत कम से कम 44 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, 43 कैडर के निचले पायदान से हैं। वहीं मेदकाम दुला प्लाटून नंबर 4 का सक्रिय सदस्य था और उस पर 2 लाख रुपये का इनाम था।

सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को आत्मसमर्पण करने वाले सभी 44 नक्सली किस्ताराम, भेजेजी और चिंतानलार इलाकों में सक्रिय थे। नक्सलियों का कहना है कि वे खोखली माओवादी विचारधारा से निराश हैं।

उन्होंने कहा कि वे लोग राज्य सरकार के नक्सल पुनर्वास कार्यक्रम से प्रभावित थे, जिसे पुना नारकोम कहा जाता है, जिसका अर्थ है नई सुबह। सीआरपीएफ अधिकारियों ने कहा कि राज्य में तैनात केंद्रीय बलों ने स्थानीय आबादी के लिए स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण जैसी कई कल्याणकारी योजनाओं की शुरूआत की है।

अक्टूबर 2021 में नौ महिलाओं समेत 43 हार्डकोर नक्सलियों ने सुकमा में सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण किया था। ये आतंकवादी चिंतागुफा और तोंगपाल के उग्रवाद के गढ़ में सक्रिय थे और चेतना न्याय मंच जैसे माओवादी संगठनों के सदस्य थे। उनमें से एक पर 1 लाख रुपये का इनाम भी था।

सीआरपीएफ के अधिकारियों ने आगे दावा किया कि नक्सलियों का नेतृत्व और विचारधारा से मोहभंग हो गया था और वे मुख्यधारा में लौटना चाहते थे। नई योजना के तहत अब तक कम से कम 335 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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