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प्रादेशिक

सड़क हादसे के घायलों को देखने केजीएमयू और लोहिया पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ| अर्जुनगंज में मरी माता मंदिर के पास हुए सड़क हादसे में घायलों को देखने और उनका हालचाल जानने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को केजीएमयू पहुंचे। इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों से केजीएमयू के क्रेटिकल केयर मेडिसिन और क्रिटिकल केयर यूनिट में भर्ती मरीजों के इलाज से संबंधित जानकारी हासिल की। इसके बाद वह डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती घायलों को हालचाल जानने पहुंचे। वह दोनों अस्पताल के वार्ड में भर्ती एक-एक मरीज के पास गये और उनसे बातचीत की।

आप घबराएं नहीं, आपके मरीज का अच्छे से अच्छा किया जा रहा इलाज: सीएम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भर्ती घायल मरीजों से पूछा कि इलाज से संबंधित कोई परेशानी तो नहीं हो रही है। पहले से आराम तो है। इस पर मरीजों ने उन्हें बताया कि डॉक्टर उनका समुचित इलाज करने के साथ लगातार मॉनीटरिंग भी कर रहे हैं। वे पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं। इस दौरान सीएम योगी ने केजीएमयू के डॉक्टरों को निर्देश दिया कि मरीजों के इलाज कोई कमी न हो, इसका विशेष ख्याल रखा जाए। साथ ही उन्हें खाने-पीने की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मरीजों का हाल-चाल जानने के बाद उनके तीमारदारों और रिश्तेदारों से भी बातचीत की। सीएम योगी ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनके मरीज का अच्छे से अच्छा इलाज किया जा रहा है। सभी पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं। उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार उनके साथ है। उन्होंने तीमारदारों से कहा कि अगर उन्हें कोई समस्या होती है तो वह अस्पताल प्रशासन को तुरंत बताएं। उनकी हर समस्या का तत्काल समाधान किया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती घायलों का कुशलक्षेम लेने पहुंचे। यहां भी उन्होंने एक-एक मरीज से बात की और अस्पताल प्रबंधन को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

इस दौरान प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद, डीजीपी प्रशांत कुमार, केजीएमयू कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद, केजीएमयू के सीएमएस डॉ. वीके ओझा, ट्रामा के सीएमएस डॉ. प्रेमराज, चीफ प्रॉक्टर डॉ. क्षितिज, डॉ. अविनाश, लोहिया अस्पताल के एमएस डॉ. विक्रम सिंह, डॉ. सुनील सिंह, डॉ. महापात्रा, पुलिस कमिश्नर एसबी शिरोडकर, जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार आदि मौजूद रहे।

इलाज के दौरान दो घायलों की मौत, सीएम ने परिजनों को बंधाया ढांढस

केजीएमयू में इलाज के दौरान दो घायलों की रविवार सुबह मौत हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इनके निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्हाेंने मृतकों के परिजनों को ढांढस बंधाया और दो-दो लाख रुपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। इसके अलावा घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये सहायता राशि देने का ऐलान किया।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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