प्रादेशिक
चिराग पासवान ने जमुई के लोगों से ‘बुढ़ापे’ तक का मांगा आशीर्वाद, नीतीश को फिर लताड़ा
पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने अपने लोकसभा क्षेत्र जमुई के लोगों से ‘बुढ़ापे’ तक के लिए आशीर्वाद मांगा है। उनकी टिप्पणी राज्य की राजनीति में काफी मायने रखती है, क्योंकि चिराग पासवान दावा करते रहे हैं कि वह 2024 का लोकसभा चुनाव हाजीपुर से लड़ेंगे।
हालांकि, अब कयास लगाए जा रहे हैं कि चिराग पासवान ने अपने चाचा और हाजीपुर से मौजूदा सांसद पशुपति कुमार पारस के साथ डील कर ली है। वहीं चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ एक बार फिर ताबड़तोड़ जुबानी हमला किया है।
विपक्षी दलों का गठजोड़ ‘घमंडी लोगों का गठबंधन’
चिराग पासवान विपक्षी दलों के नए गठजोड़ को ‘घमंडी लोगों का गठबंधन’ करार दिया है। जहां एक के नुकसान से दूसरे को फायदा मिलता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विपक्षी दलों के केंद्र में आ रही है, जिससे विपक्षी घटक दलों की बेचैनी बढ़ने वाली है। दरअसल, यह बात उन्होंने राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने और सजा पर स्टे लगाए जाने को लेकर कहीं है।
चिराग पासवान का मानना है कि राहुल गांधी को राहत मिलने से नीतीश कुमार को नुकसान होगा। चिराग ने कहा ये घमंडी लोगों का गठबंधन है। जो अपनी-अपनी लालसा को लेकर बना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मन में लालसा है। विपक्षी एकता का नेतृत्व करना चाहते हैं या कम से कम संयोजक बनना चाहते हैं।
विपक्षी पार्टियों को नीतीश पर भरोसा नहीं
चिराग पासवान ने कहा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 31 अगस्त को होने वाली आई.एन.डी.आई.ए की बैठक में भाग लेने जा रहे हैं। लेकिन विपक्षी पार्टियों को उन पर कोई भरोसा नहीं है। चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता का नेतृत्व करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें संयोजक भी नहीं बनाया जा रहा है क्योंकि नीतीश कुमार अहंकारी हैं। इसी अहंकार में वह चाहते हैं कि उन्हें कम से कम विपक्षी एकता का संयोजक बना दिया जाए।
उन्होंने बेंगलुरु की बैठक का जिक्र करते हुए कहा- ‘ पिछली बार मेरे मुख्यमंत्री भागे-भागे बेंगलुरु गए थे। जहां से वो मुंह फुला और निराश होकर वहां से लौटे।’ चिराग पासवान ने इस बात का भी जिक्र किया कि जब नीतीश कुमार पटना लौटे तो उन्होंने मीडिया से कोई इंटरेक्शन नहीं किया। इसके पीछे उन्होंने नीतीश कुमार की निराशा को वजह बताया।
अब देखते हैं मुंबई में कैसा स्वागत होता है
चिराग पासवान ने बेंगलुरु में सीएम नीतीश कुमार के स्वागत पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में बिहार को शर्मसार करने वाले पोस्टर लगाए गए थे। चिराग ने कहा कि बेंगलुरु में पुल टूटते हुए के पोस्टर लगाए गए थे। यह बिहार को शर्मसार करने वाले और नीतीश कुमार की नाकामी के पोस्टर थे।
चिराग पासवान ने कहा कि बिहार ऐसा राज्य है, जहां पुल हवा से गिर जाता है और पुल को चूहे कुतर देते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रखा है। उन्होंने अपनी बात कहते हुए कहा- ‘जिस तरह से बेंगलुरु में स्वागत हुआ अब देखना होगा कि महाराष्ट्र में उनका किस तरह से स्वागत होता है।’
विपक्ष को पता है नकार दिए गए हैं नीतीश
चिराग पासवान ने आगे कहा कि नीतीश कुमार के पास विकास का कोई मॉडल नहीं है। यह बात विपक्षी दल भी जानते हैं। चिराग ने बिहार की जनता की ओर से नीतीश कुमार को नकार देने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा बिहार की जनता ने सीएम नीतीश कुमार को नकार दिया है। यह बात विपक्षी दल भी महसूस कर रहे हैं। उन्हें यह बात भी पता है कि नीतीश कुमार के आधे से ज्यादा प्रत्याशी हारे हुए हैं। ऐसे में विपक्षी दल और देश की जनता उन्हें कैसे स्वीकार करेगी?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए चिराग पासवान ने एक के बाद एक हमला बोलते हुए यह कहा की इन्हीं सब कारणों की वजह से विपक्षी दल भी इन्हें संयोजक बनाने को लेकर भी मंथन कर रहे हैं।
धीरे-धीरे केंद्र में आ रही है कांग्रेस
चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार पर एक के बाद एक ताबड़तोड़ जुबानी हमला करते हुए बेंगलुरु की बैठक में शामिल होने पर उन्हें तीसरी चौथी पंक्ति का नेता बता दिया।
उन्होंने कहा कि-‘बिहार में हुई बैठक के दौरान वह बड़े अगुआ बने हुए नजर आ रहे थे, लेकिन बेंगलुरु की बैठक में उन्हें तीसरे चौथे पंक्ति का नेता बना दिया गया।’ पासवान ने कहा कि धीरे-धीरे कांग्रेस केंद्र में आ रही है। जैसे-जैसे कांग्रेस आगे बढ़ेगी और वह अपना एफर्ट लगाएगी वैसे वैसे विपक्षी दलों के इन घटक दलों में बेचैनी बढ़ेगी।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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