उत्तर प्रदेश
पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ स्वच्छ महाकुंभ मेले की पहल
प्रयागराज। योगी सरकार संगमनगरी प्रयागराज में सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ को स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए दिन रात काम कर रही है। इसके लिए सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही प्लास्टिक बाय बैक अभियान और जागरूकता अभियान को एक साथ चलाया जा रहा है। इतना ही नहीं, कचरे से ऊर्जा उत्पादन, तत्काल कचरा निस्तारण और स्वच्छता निगरानी जैसी पहलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकारी मशीनरी के साथ-साथ इसमें जनसहभागिता के लिए भी योगदान हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस पहल के माध्यम से योगी सरकार का उद्देश्य महाकुंभ को स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बनाकर श्रद्धालुओं की सुविधा और सेवा के साथ ही उनके अनुभव को भी यादगार बनाने का प्रयास किया जाएगा। इसके साथ ही 45 दिन तक चलने वाले इस महाआयोजन को स्वच्छता के दृष्टिकोण से पूरी दुनिया के सामने एक मॉडल के रूप में भी प्रस्तुत किया जा सकेगा।
प्लास्टिक-मुक्त महाकुंभ
महाकुंभ मेले में इस बार प्रदूषण कम करने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक को समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत प्लास्टिक बैग, बर्तनों और बोतलों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है और उनकी जगह बायोडिग्रेडेबल विकल्पों को बढ़ावा दिया जा रहा है। मेला क्षेत्र में दोना-पत्तल, कुल्हड़ और गैर-प्लास्टिक बैग जैसी पर्यावरण-अनुकूल वस्तुओं की दुकानें भी स्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया है, ताकि श्रद्धालु स्वच्छता में अपना योगदान कर सकें। इसके लिए मेला प्राधिकरण की ओर से टेंडर भी जारी कर दिया गया है और जल्द ही स्टॉल आवंटन की कार्यवाही किए जाने की संभावना है। इसके अतिरिक्त अभियान को लेकर जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं, जबकि रीयूजेबल अल्टरनेटिव्स पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इको फ्रेंडली प्रोडक्ट्स वेंडर्स को प्रोत्साहित करने के साथ वालंटियर्स इनीशिएटिव, कम्युनिटी इंगेजमेंट, नो प्लास्टिक जोन साइनेज और प्लास्टिक फ्री बोर्डिंग के माध्यम से मेले को प्लास्टिक फ्री जोन बनाने की कवायद जारी है।
चलाया जा रहा प्लास्टिक बाय बैक प्रोग्राम
प्लास्टिक वापसी कार्यक्रम के तहत, आगंतुकों को प्लास्टिक के सामान को वापस लाकर पुनर्चक्रण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस पहल में कचरा फैलाने की समस्या को कम करने के साथ-साथ प्लास्टिक वस्तुओं को पुनः उपयोग में लाने के लिए हर लौटाए गए प्लास्टिक पर इनाम दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम न केवल स्वच्छता को बढ़ावा देता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में जनसहभागिता को भी प्रोत्साहित करता है। यह कार्यक्रम प्रयागराज नगर निगम द्वारा पूरी गति से संचालित किया जा रहा है।
कचरे से ऊर्जा उत्पादन की पहल
महाकुंभ मेले में जैविक कचरे को अक्षय ऊर्जा में बदलने के लिए बायोडाइजेस्टर्स और कंपोस्टिंग यूनिट्स लगाए गए हैं, जो खाद्य और जैविक कचरे को संसाधित करते हैं। इस पहल के माध्यम से, न केवल कचरे का निपटान हो रहा है, बल्कि ऊर्जा उत्पादन में भी सहायता मिल रही है। इसके अतिरिक्त, मेला क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी और स्वयंसेवकों को कचरा बीनने के उपकरणों के साथ तैनात किया गया है। यह पहल स्वच्छता प्रबंधन को और मजबूत बनाती है और इसमें जनता की भी सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देती है। इसके साथ ही मेले के दौरान पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न जनजागरण अभियान चलाए जा रहे हैं। वहीं, भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में कचरे की निगरानी और प्रबंधन के लिए एक रीयल-टाइम कचरा ट्रैकिंग एप भी उपलब्ध कराया गया है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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