पंजाब
पल्लेदारी कर रहे नैशनल हाकी खिलाड़ी से सीएम भगवंत मान ने की मुलाकात, दी यह सौगात
जालंधर। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार जल्द ही फरीदकोट जिले के पूर्व में नैशनल हाकी खिलाड़ी रहे परमजीत सिंह को सरकारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद हाकी कोच के रूप में भर्ती करेगी। मुख्यमंत्री मान ने पिछले दिनों पूर्व हाकी खिलाड़ी परमजीत सिंह की आर्थिक हालत को देखते हुए उसे अपने पास बुलाने का ऐलान किया था।
भगवंत मान ने इस हाकी खिलाड़ी को मजदूरी करते सोशल मीडिया पर देखा था। उसके बाद मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया कि वह इस पूर्व हाकी खिलाड़ी को सरकार में कुछ न कुछ काम देंगे। मुख्यमंत्री ने उसे अपने पास बुलाया और उनसे वार्ता की।
पूर्व हाकी खिलाड़ी ने मुख्यमंत्री को बताया कि पूर्व में किसी भी सरकार ने उसकी हालत की तरफ नहीं देखा और न ही सुध ली। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि अब अच्छे दिनों की शुरूआत हो गई है और हमारी सरकार की कोशिश रहेगी कि आपको पल्लेदारी जैसे कार्य भविष्य में कभी भी न करने पड़ें।
मुख्यमंत्री ने परमजीत को सौगात के तौर पर उसे हाकी में ही कोचिंग का देने का फैसला लिया है और जल्द ही सरकारी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उसे नियुक्ति पत्र सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार भविष्य में भी खिलाड़ियों की ऐसी दुर्दशा नहीं होने देगी। परमजीत ने मुख्यमंत्री को बताया कि उसके बैचमेट खिलाड़ी इस समय विभिन्न विभागों में अच्छे अधिकारियों के रूप में काम कर रहे हैं।
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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